पेगासस के जरिए मध्य प्रदेश में गिराई गयी कांग्रेस सरकार, कमलनाथ ने जताई आशंका

कमलनाथ बोले- मध्य प्रदेश के विधायकों के फोन टैप होते थे, 15 दिन में अभी और खुलासे होंगे, यदि पेगासस से जासूसी नहीं हुई तो खबर चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती सरकार

Updated: Jul 21, 2021, 10:13 AM IST

Photo Courtesy : DNA India
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भोपाल। इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए जासूसी कराने के मामले में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच अब मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने आशंका जताई है कि राज्य में चुनी हुई कांग्रेस सरकार गिराने के लिए भी इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अंदेशा जाहिर करते हुए कहा है कि जिस तरह कर्नाटक में पेगासस के जरिए ऑपरेशन लोटस को अंजाम दिया गया यहां भी सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने के लिए पेगासस से हैकिंग हुई होगी।

कमलनाथ ने राजधानी भोपाल स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पूरे मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारत सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर खरीदकर जासूसी नहीं कि तो सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करे। अगर मीडिया में झूठ चलाया जा रहा है तो गलत छापने वालों पर सरकार कार्रवाई करे। उन्होंने सरकार को ये भी स्पष्ट करने के लिए कहा है कि यदि पेगासस खरीदा गया तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए या फिर मोदी सुरक्षा के लिए। 

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शिवराज का भी फोन हैक कराया होगा

कमलनाथ ने कहा है की पूरे देशभर में 300 फोन टैप हुए। आने वाले दिनों में अभी और खुलासे होंगे। फ्रांस‌ ने इस पर जांच भी शुरू की है। दुनियाभर में 55 हजार लोगों को पेगासस का टारगेट बनाया गया। क्या पता सीएम शिवराज सिंह चौहान का भी फोन हैक किया गया हो। बैंगलोर के होटल में कांग्रेस विधायक कर्मचारियों से बात करते थे कि उनके फोन टैप हो रहे हैं। 

दरअसल, 2020 के मार्च में कांग्रेस के करीब 28 विधायक गायब हो गए थे। सभी विद्यायकों ने बैंगलोर में डेरा जमा किया था जिससे कमलनाथ सरकार विधानसभा में अल्पमत में आ गई। इसी के बाद राज्य में 14 महीनों के भीतर चुनी हुई सरकार गिराने में बीजेपी कामयाब हुई। बीजेपी ने इस दौरान खरीद-फरोख्त से इनकार कर दिया था। हालांकि, बाद में ये सभी विधायक बीजेपी की टिकट पर उपचुनाव लड़े जिससे खरीद फरोख्त की आशंका गहरा गयी। अब पेगासस रिपोर्ट आने के बाद माना जा रहा है की सिंधिया के अलावा बीजेपी में जाने वाले नेताओं और उनके करीबियों की जासूसी कर उनकी कमजोर नब्ज पकड़ी गई, उन्हें ब्लैकमेल किया और फिर वो तख्तापलट में साथ आने को मजबूर हुए।

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मोदी का इजरायल कनेक्शन

कमलनाथ ने पीएम मोदी के इजरायल कनेक्शन पर वार करते हुए कहा है कि साल 2017 में पीएम मोदी जब इजरायल गए उसके बाद ही देश में पेगासस आया। दरअसल, जुलाई 2017 में पीएम मोदी इजरायल गए थे। मोदी के इस यात्रा को सरकार ने बेहद अहम और ऐतिहासिक करार दिया। मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने इजरायल जाने की योजना बताई। इसके पहले 70 सालों में भारत का कोई भी प्रधानमंत्री इजरायल नहीं गया था। इस दौरे के बाद ही देश के प्रमुख लोगों की जासूसी इजरायली कंपनी की मदद से की गई।