भोपाल। शिवराज सरकार आयकर मामले में प्रदेश के तीन वरिष्ठ अफसरों पर केस दर्ज करने की तैयारी में है। अब यह मामला EOW याने आर्थिक अपराध शाखा को सौंपने का फैसला लिया गया है। लेकिन इससे पहले ही आर्थिक अपराध शाखा के SP राजेश मिश्रा पर सवाल उठने लगे हैं।

खबर है कि व्यापम घोटाले के आरोपी सुधीर शर्मा और राजेश मिश्रा में गहरी दोस्ती है। यह दोस्ती भी ऐसी वैसी नहीं, इतनी गहरी है कि दोनों की पत्नियां एक साथ विदेशों की यात्राएं करती हैं। राजेश मिश्रा की पत्नी सुधीर शर्मा की पत्नी के साथ लंदन टूर पर गई थीं। इतना ही नहीं दोनों की यात्रा की जानकारी सरकार और अफसरों को भी है।

और पढ़ें: कांग्रेस का शिवराज के अफसर पर पलटवार कहा, शिवराज के ओएसडी नीरज वशिष्ठ पर भी दर्ज हो मामला

बताया जा रहा है प्रशासनिक स्तर पर EOW SP राजेश मिश्रा और व्यापम के आरोपी सुधीर शर्मा के रिश्तों को लेकर अफसरों में अक्सर बातें होती रही है। अब जब एक बार फिर मामले की जांच EOW को  सौंपने का फैसला लिया जा रहा है, तब उनकी पत्नियों के टूर और पारिवारिक दोस्ती की खबरें फिर से चर्चा में हैं।

और पढ़ें: सिंधिया समर्थक मंत्रियों से इस्तीफ़ा लेने की तैयारी, कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आर्थिक अपराध शाखा के SP राजेश मिश्रा और सुधीर शर्मा के दोस्तानें की खबर बीजेपी को भी काफी पहले से है। नियमानुसार किसी भी अधिकारी या उसके परिवार के किसी सदस्य की विदेश यात्रा के बारे में मंत्रालय को सूचित करने का नियम है।

मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार EOW पुलिस अधीक्षक राजेश मिश्रा की पत्नी तूलिका मिश्रा अप्रैल-मई 2016 में सुधीर शर्मा की पत्नी राखी शर्मा के साथ एक महीने के टूर पर लंदन गई थीं। दोनों ने फ्लाइट के बिज़नेस क्लास में ट्रैवल किया था। बताया जा रहा है कि दोनों लंदन के फाइव स्टार होटल में एक साथ ही ठहरीं और साथ में महंगी शापिंग भी की। अब इन खबरें के चर्चा में आने के बाद सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही हैं कि राजेश मिश्रा की पत्नी की लंदन यात्रा की जांच शिवराज सरकार करवाएगी या नहीं।

सूत्रों का आरोप है कि EOW SP राजेश मिश्रा की पत्नी की लंदन यात्रा का पूरा खर्चा व्यापम आरोपी सुधीर शर्मा ने उठाया था। आरोप यह भी लग रहे हैं कि सरकार और मंत्रालय ने जानबूझकर इस जानकारी को अनदेखा किया है। अब यह भी सवाल उठने लगे हैं कि राजेश मिश्रा ने चार साल पहले हुई विदेश यात्रा की जानकारी अपने विभाग और सरकार को दी थी या नहीं। अगर उन्होंने अपने वरिष्ठ अफसरों को इस यात्रा की जानकारी नहीं दी थी, तो सरकार अब इस मामले की जांच कर पूरे बिलों का मिलान करे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजेश मिश्रा और सुधीर शर्मा की दोस्ती के अलावा भी कई नए रिश्ते उजागर होने की आशंका है। राजेश मिश्रा पर कई खनन कारोबारियों के साथ पार्टनरशिप के आरोप भी लग चुके हैं।  

आरोप है कि मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले के कई केस की जांच बरसों तक पूरी नहीं हो पाई है, कई मामले अब तक पेंडिंग हैं। ई-टेंडर घोटाले में भी गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के ऑफिस के दो कर्मचारियों की गिरफ्तारी करके महज खानापूरी करने के आरोप लगते हैं। जांच में देर करके अफसरों और विभाग के मंत्री को बचाने के आरोप लगने लगे हैं।  जिन तीन अफसरों पर आयकर छापों के मामले में एफआईआर करने की तैयारी है, वे भी ई-टेंडर घोटाले की जांच से जुड़े रहे हैं।

यह भी पढ़ें: सिंधिया समर्थक मंत्री बोल रहे विपक्ष की भाषा, कैशकांड में आरोपों को बताया साज़िश

गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी अफसरों पर आयकर के छापे डाले गये थे। इन छापों में मिले दस्तावेजों के आधार पर अब सरकार कार्रवाई की तैयारी कर रही है। लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं कि अगर छापों में कोई प्रमाण मिले थे तो अब तक नोटिस जारी क्यों नहीं हुए। इतना ही नहीं, इस सिलसिले में लगाए जा रहे आरोपों को न सिर्फ कांग्रेस, बल्कि खुद शिवराज सरकार के ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्री भी बेबुनियाद और साज़िश का नतीजा बता रहे हैं।