सिंधिया समर्थक मंत्रियों से इस्तीफ़ा लेने की तैयारी, कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर लगे आरोपों पर कहा, कानून अपना काम करेगा, कांग्रेस ने तंज़ किया, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों से इस्तीफ़ा लेने की तैयारी कर रहे शिवराज

Updated: Dec 20, 2020, 09:31 PM IST

भोपाल। कैश कांड में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों के नाम आने पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस बवाल के ज़रिए बीजेपी सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर शिकंजा कसना चाहती है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के ताज़ा बयान को भी इसी का संकेत माना जा रहा है। 

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दरअसल वीडी शर्मा ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर लग रहे आरोपों के बारे में कहा है कि कानून अपना काम करेगा। उनके इस बयान को बीजेपी में सिंधिया गुट की स्थिति को कमज़ोर करने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई की तरफ से कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस प्रकरण में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को हाशिये पर डालने का मौका तलाश लिया है। एमपी कांग्रेस ने ट्विटर पर तंज़ भरे अंदाज़ में लिखा है कि उपचुनाव में जीत हासिल कर चुके कई सिंधिया समर्थक नेताओं को पहले तो शिवराज सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया और जो सिंधिया समर्थक अभी शिवराज कैबिनेट में मंत्री हैं उनसे भी इस्तीफा लेने की तैयारी बीजेपी कर रही है। 

कांग्रेस यह आरोप प्रदेश की सियासत में हाल के दिनों में हुए कुछ घटनाक्रमों के आधार पर लगा रही है। हाल ही में बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने सीएम आवास पहुंचे थे। राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि दोनों नेताओं की यह मुलाकात सिंधिया समर्थकों की नाराज़गी के कारण हुई है। एक तरफ सिंधिया समर्थक नेता जल्द ही शिवराज मंत्रिमंडल में अपनी जगह पक्की करनी चाहते हैं, तो वहीं बीजेपी और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसे लेकर टाल मटोल भरा रवैया अपना रहे हैं। उस समय यह चर्चा भी चली थी कि शिवराज सिंह चौहान पर दबाव बनाने के लिए सिंधिया समर्थक मंत्री मंत्रिमंडल से इस्तीफा भी दे सकते हैं। लेकिन अब कैश कांड में सिंधिया समर्थक मंत्रियों के नाम आने और चुनाव आयोग द्वारा उन नेताओं पर कार्रवाई किए जाने के आदेश के बाद सारा मामला बदल गया है। इन हालात में सिंधिया खेमा मंत्री पद के लिए दबाव बनाने की पहले जैसी स्थिति में नहीं है। इस बीच कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर शिवराज सरकार और सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर हमले तेज़ कर दिए हैं।

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क्या है पूरा मामला

दरअसल बात ये है कि साल 2019 के आम चुनाव के दौरान पैसों के लेनदेन की रिपोर्ट आने के बाद से ही राज्य के कई नेताओं और अधिकारियों के नाम सामने आने की बातें कही जाती रही हैं। इनमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए नेताओं के नाम भी सामने आए हैं। इस लिस्ट में राहुल लोधी, नारायण पटेल, बिसाहूलाल सिंह, रक्षा सिरोनिया, प्रद्युमन सिंह तोमर, राज्यवर्धन दत्तीगांव, गिर्राज दंडोतिया, कमलेश जाटव, रणवीर जाटव, एदल सिंह कंसाना, सुमित्रा कासदेकर, प्रद्युम्न लोधी के नाम शामिल हैं। इनके साथ ही बीएसपी के दोनों विधायकों और एसपी के एक विधायक के नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं।