फ्यूल की कमी से नहीं उड़ पाया राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर, शहडोल में ही करेंगे रात्रि विश्राम

शहडोल के होटल सूर्या में राहुल गांधी के ठहरने की व्यवस्था की गई है

Updated: Apr 08, 2024, 07:54 PM IST

भोपाल। शहडोल में सभा को संबोधित करने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी वहीं फंस गए। राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर फ्यूल की कमी की वजह से उड़ान नहीं भर पाया। जिसकी वजह से राहुल गांधी को शहडोल में ही इंतज़ार करने पर मजबूर होना पड़ा। राहुल गांधी अब शहडोल में ही रुकेंगे और अगली सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

राहुल गांधी शहडोल से जबलपुर के लिए रवाना होने ही वाले थे लेकिन चॉपर में फ्यूल ना होने के चलते राहुल गांधी जमुई हेलीपैड पर एक घंटे तक फंसे रहे। जबलपुर से फ्यूल मंगवाया गया लेकिन मौसम खराब होने की वजह से फ्यूल आने में देरी के चलते राहुल गांधी को शहडोल में ही रुकवाने का फ़ैसला लिया गया।

अब राहुल गांधी सोमवार की रात शहडोल में ही रुकेंगे। राहुल गांधी को शहडोल के होटल सूर्या में ठहराया गया है और वह इस समय सुरक्षा के घेरे में मौजूद हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर राहुल गांधी के शहडोल में ही रात्रि विश्राम करने की पुष्टि की है। एमपी कांग्रेस ने कहा है कि मौसम बिगड़ने के चलते राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहा है, इसलिए आज वह शहडोल में ही रुक रहे हैं और कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। 

पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक राहुल गांधी शाम में शहडोल से जबलपुर और वहां से दिल्ली के लिए रवाना होना था। सोमवार दोपहर करीब ग्यारह बजे राहुल गांधी भोपाल से पहले सिवनी के धनौरा पहुंचे थे। यहां एक विशाल जनसभा को संबोधित करने के बाद राहुल गांधी का अगला कार्यक्रम शहडोल में था। हालांकि राहुल गांधी आज ही वापस नहीं लौट पाए। 

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इससे पहले राहुल गांधी ने सिवनी में बीजेपी पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी के लिए आदिवासियों का मतलब जंगल में रहने वाले लोग होते हैं इसलिए बीजेपी आदिवासियों की ज़मीन हड़प कर अडानी जैसे अरबपतियों को दे देती है। राहुल गांधी ने कहा कि जबकि आदिवासी का मतलब होते है देश के पहले मालिक। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होगा और जैसे कांग्रेस की पिछली सरकारों ने आदिवासियों के हित में निर्णय लिए थे वैसे ही कांग्रेस की अगली सरकार भी आदिवासियों का संरक्षण करेगी।