भोपाल। भाजपा के सीनियर विधायक व खनन कारोबारी संजय पाठक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। कटनी के विजयराघवगढ़ से विधायक पाठक की कम्पनियों से 520 करोड़ की रिकवरी करने की तैयारी है। पाठक की कम्पनियों पर अवैध रूप से आयरन अयस्क खुदाई और GST चोरी के आरोप हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन कंपनियों पर यह रिकवरी की कार्रवाई हो रही है, उनमें निर्मला मिनरल्स, आनंद माइनिंग और पेसिफिक एक्सपोर्ट शामिल हैं। ये तीनों कंपनियां बीजेपी विधायक संजय पाठक से संबंधित हैं। मामले की जांच करने वाली खनिज विभाग की टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन कंपनियों ने घोषित माइनिंग प्लान और पर्यावरणीय मंजूरी की सीमा से लाखों टन अधिक खनन किया है।
बताया जा रहा है कि इन तीनों फर्मों ने जबलपुर की सिहोरा तहसील के दुबियारा (32.3 हेक्टेयर), घुघरी (8.6 हेक्टेयर), प्रतापपुर (11.5 हेक्टेयर), अगरिया (20.2 हेक्टेयर) और टिकरिया (26 हेक्टेयर) में लौह अयस्क की खदानें संचालित कीं। यहां वर्षों से अवैध रूप से खनन किया जा रहा था, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस मामले में व्हिसल ब्लोअर आशुतोष उर्फ मनु दीक्षित ने आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) में शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर अप्रैल में खनिज विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देश पर बनी जांच टीम ने कई खदानों की पड़ताल की। टीम ने इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (IBM) के आंकड़े और सैटेलाइट इमेजरी के जरिए माइनिंग की मात्रा की पुष्टि की। जांच में सामने आया कि निर्धारित रकबे से परे जाकर बड़े पैमाने पर अवैध खनन हुआ है।
शिकायतकर्ता मनु दीक्षित का कहना है कि अभी सिर्फ अतिरिक्त खनन और जीएसटी चोरी की जांच हुई है जबकि अवैध खनन, वन क्षेत्र में खनन, फॉरेस्ट रॉयल्टी में चोरी जैसी गड़बड़ी के छह अन्य बिन्दुओं पर जांच होनी बाकी है। उन्होंने दावा किया कि यदि इन मामलों में ईमानदारी से जांच हुई तो सिर्फ कटनी-जबलपुर क्षेत्र में अवैध खनन की राशि 8 से 10 हजार करोड़ तक पहुंच सकती है।
दीक्षित के मुताबिक EOW की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों के दफ्तरों से कई अहम फाइलें और दस्तावेज गायब मिले हैं। टीम ने अलग-अलग विभागों से जुटाए डॉक्युमेंट्स, सैटेलाइट डेटा और आईबीएम रिपोर्ट के जरिए गड़बड़ी को साबित किया। जांच दल ने यह भी स्पष्ट किया है कि अभी सिर्फ माइनिंग प्लान और पर्यावरणीय स्वीकृति की सीमाओं से बाहर हुए खनन की जांच हुई है। वन क्षेत्र और अन्य अवैध खनन की जांच अगले चरण में होगी।