मास्क नहीं पहनने पर महिला की पिटाई, ये मध्यप्रदेश की पुलिस है साहब, इसका जोर गरीब जनता पर ही चलता है

सागर पुलिस ने मास्क नहीं पहनने पर महिला के बाल नोंचकर की पिटाई, बीच बचाव करने आई बेटी को भी जड़े थप्पड़, सरकारी काम में बाधा डालने का केस भी किया दर्ज

Updated: Jun 26, 2021, 05:06 AM IST

सागर। बिना मास्क पहने घर से निकलना एक मां बेटी को भारी पड़ गया। सागर के रहली में पुलिस को इस लापरवाही पर इतना गुस्नेसा आया कि सबक सिखाने के लिए उसने मां-बेटी की जमकर पिटाई कर दी। महिला पुलिस आरक्षक ने बिना मास्क के घर से निकली महिला को सड़क पर घसीट-घसीट कर पीटा और जब उसकी बेटी ने उसे बचाने की कोशिश की तो आरक्षकों ने बेटी से भी गाली गलौज की। बेटी को थप्पड़ भी मारा। पुलिस ने दोनों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का केस भी दर्ज कर लिया है। महिला और उसकी बेटी की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है।

वायरल वीडियो में महिला रोते चीखते दिखाई दे रही है। पुलिस से छोड़ देने की गुहार कर रही है, पर किसी का दिल नहीं पसीजा... वे तो उसे बाल पकड़कर घसीटते रहे। महिला आरक्षक पीड़िता को मारते-मारते सड़क पर गिराती नजर आ रही है। फिर बाल पकड़कर खींचती भी साफ-साफ दिखाई देती है। इस घटना के दौरान अन्य पुलिसकर्मियों को भी वहां खड़े होकर सारा नज़ारा देखते देखा जा सकता है। मामला गर्माने के बावजूद पुलिस ने महिला पर ही आरोप मढ़ दिया है कि उसने पुलिस आरक्षक के साथ मारपीट की। जबकि तस्वीर में सच्चाई कुछ और ही दिख रही है।

यह मध्यप्रदेश की वही पुलिस है जिसने दो दिन पहले जबलपुर में बिना मास्क घूमने वाले बीजेपी नेताओं को पहले तो पकड़ने का नाटक किया था। फिर बीजेपी के रसूखदार नेताओं से माफ़ी मांग ली थी। बीजेपी मंडल महामंत्री पुष्पराज पटेल, रंजीत ठाकुर, ऋषभ दास जबलपुर में बिना मास्क के नजर आए थे। जबलपुर के अहिंसा चौक पर महिला कांस्टेबल ने तीनों को बिना मास्क के रोका तो उन्होंने पहले तो हंगामा किया उसके बाद नेताओं ने पुलिस के आला अफसरों से शिकायत कर दी। आखिरकर महिला आरक्षक को ही झुकना पड़ा और अपनी गलती के लिए माफी मांगनी पड़ी।

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लेकिन सागर में पुलिस की दबंगई एक गरीब महिला पर भरपूर चली। पुलिस ने बेटी के सामने महिला को पूरी बर्बरता से कुटाी की है। दोष मास्क नहीं पहनकर घर से बाहर निकलना था। पर गरीब महिला और उसकी बेटी की पिटाई कर थाने में शिकायत भी दर्ज कर ली गई है। वैसे यह लॉकडाउन जनता की हिफ़ाज़त के लिए है ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके, ना कि जनता की मजबूरी पर उसको कानून का रास्ता दिखाने के लिए।