Jyotiraditya Scindia: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अभी क्यों शेयर की अगस्त में लिखी अपनी चिट्ठी
Jyotiraditya Scindia: क्या सिंधिया ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए अगस्त 2020 में लिखी अपनी चिट्ठी को अभी शेयर किया है, चिट्ठी में ग्वालियर के विकास के लिए 556 करोड़ रुपये की सहायता माँगी है
भोपाल। बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पिछले साल लिखी अचानक काफी चर्चा में आ गई है। सिंधिया ने अगस्त 2020 में यह चिट्ठी वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह को लिखी थी। लेकिन इतने दिनों पहले लिखी चिट्ठी को सिंधिया ने गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल के जरिए साझा किया है। तभी से इसके अलग अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या बीजेपी सांसद ने यह चिट्ठी सरकार पर दबाव बनाने के लिए साझा की है?
इस दावे को हवा इस कारण मिल रही है क्योंकि भाजपा नेता ने यह पत्र बजट सत्र के शुरू होने से ठीक पहले साझा किया है। सिंधिया ने 8 अगस्त 2020 को लिखे इस पत्र को शेयर करते हुए लिखा है, '15वें वित्त आयोग अध्यक्ष श्री एनके सिंह जी को पत्र लिखकर निम्न विकास कार्यों के लिए इस वर्ष के बजट में फंड आवंटित करने का अनुरोध किया था।चंबल नदी से ग्वालियर और मुरैना में पानी लाने के लिए प्रोजेक्ट,चंदेरी के बुनकरों का विकास ग्वालियर-शिवपुरी-चंदेरी क्ष्रेत्र के पर्यटन में विकास बाबा महाकालेश्वर मंदिर का अनुरक्षण के लिए यह पत्र लिखा था। सिंधिया ने कहा कि मुझे आशा है कि 1 फरवरी के बजट में, ग्वालियर चम्बल संभाग, उज्जैन, शिवपुरी,मुरैना व ओरछा के लिए इनकी स्वीकृति की सकारात्मक खबर आएगी और भविष्य में इन क्षेत्रों के विकास के नए द्वार खुलेंगे।
15वें वित्त आयोग अध्यक्ष श्री @NKSingh_MP जी को पत्र लिखकर निम्न विकास कार्यों के लिए इस वर्ष के बजट में फंड आवंटित करने का अनुरोध किया था।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) January 28, 2021
-चंबल नदी से ग्वालियर और मुरैना में पानी लाने के लिए प्रोजेक्ट
- चंदेरी के बुनकरों का विकास
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सिंधिया ने पत्र में मांग की है कि चंबल नदी से ग्वालियर सिटी तक के लिए पानी सप्लाई योजना के लिए 356 करोड़ की आवश्यकता है। सिंधिया ने अपनी चिट्ठी में यह भी कहा है कि हर गर्मी ग्वालियर के लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। यहाँ पर सवाल यह भी उठता है कि उस क्षेत्र में न जाने कितनी गर्मियां गुज़ार चुके सिंधिया को आखिर एकाएक लोगों को हर साल होने वाली पानी किल्लत की समस्या कैसे सूझ गई? इसके साथ ही सिंधिया ने शिवपुरी-ग्वालियर-चंदेरी के पर्यटन सर्किट और कोरोना का दंश झेलने वाले बुनकरों के लिए सौ करोड़ रुपए के फण्ड की मांग की है। सिंधिया ने उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के मरम्मत कार्य के लिए भी 100 करोड़ रुपए की मांग की है।