पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ मामले में तहसीलदार के बाद SDM निलंबित, कांग्रेस बोली- कलेक्टर को कौन बचा रहा

अब सवाल ये है कि जब कोई छेड़छाड़ नहीं हुई तो दो अधिकारियों को सस्पेंड क्यों किया गया? वहीं, जब छेड़छाड़ का मामला साफ है तो कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?

Updated: Nov 29, 2023, 03:38 PM IST

बालाघाट। वोटिंग से पहले मध्य प्रदेश के बालाघाट में पोस्टल बैलेट के साथ छेड़छाड़ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव से इस घटना की शिकायत की है। कांग्रेस की शिकायत के बाद अब पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ के मामले में एसडीएम गोपाल सोनी को निलंबित कर दिया गया है। उनके स्थान पर डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को प्रभार सौंपा गया है। इससे पहले नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह (तहसीलदार) को निलंबित किया गया था। हालांकि, अब सवाल ये है कि बालाघाट कलेक्टर के विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?

एसडीएम को निलंबित किए जाने पर कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'बालाघाट मामले में अजब खेल जारी,
— कलेक्टर को बचाने के लिये तहसीलदार के बाद अब एसडीएम पर निलंबन की गाज; चुनाव आयोग बताये, क्या कलेक्टर सिर्फ़ शोभा बढ़ाने के लिये हैं, या ज़िला निर्वाचन अधिकारी होने के नाते उनकी कोई ज़िम्मेदारी भी होती है? “कलेक्टर हटाओ, प्रजातंत्र बचाओ” 

कांग्रेस ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि निर्वाचन की निष्पक्षता को कलंकित करने वाले कलेक्टर गिरीश मिश्रा को बचाने के पीछे कौन सी शक्तियाँ हैं? हे !चुनाव आयोग, वो कौन सा दबाव है जो तुम्हें कलेक्टर को निलंबित करने या बर्खास्त करने से रोक रहा है? बता दें कि मामले में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत की थी। दिल्ली में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद और गुरदीप सिंह सप्पल आयोग कार्यालय पहुंचे। यहां ज्ञापन देकर मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि बालाघाट मामले से जुड़ा वीडियो भी हमने चुनाव आयोग को दिया है। इसमें साफ दिख रहा है कि इलेक्शन ऑफिसर यानी जो रक्षक हैं, वही भक्षक बन रहे हैं। पोस्टल बैलेट में टेम्परिंग कर रहे हैं। ये बहुत गंभीर मामला है। हम आशा और विश्वास व्यक्त करते हैं कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और चुनाव आचार संहिता का जो उल्लंघन हो रहा है, उसमें जल्द से जल्द एक्शन लिया जाएगा।

बता दें कि बालाघाट स्ट्रांग रूम में डाक मतपत्रों को गिनने का आरोप लगने के बाद जिला कलेक्टर सहित मतदान दल सवालों के घेरे में आ गया है। कांग्रेस लगातार इस मामले पर हमलावर है। कांग्रेस नियम विरुद्ध तरीके से डाक मतपत्रों को गिनने का आरोप लगा रही है। शुरुआत में जिला कलेक्टर ने लीपा पोती की कोशिश की थी। हालांकि, बाद में तहसीलदार और एसडीएम को सस्पेंड करना पड़ा। अब सवाल ये है कि जब कोई छेड़छाड़ नहीं हुई तो दो अधिकारियों को सस्पेंड क्यों किया गया? वहीं, जब छेड़छाड़ का मलाला साफ है तो कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?