भोपाल। बीजेपी दफ्तर में तिरंगा विक्रय केंद्र खोलने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने इसे अक्षम्य अपराध करार दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी आजादी, स्वाभिमान, गौरव और अस्मिता के प्रतीक तिरंगे को पैसे लेकर बेचा जा रहा है। इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है।

केके मिश्रा ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि, 'जिस विचारधारा के गुरू गोलवरकर ने तिरंगे को अशुभ बताते हुए इसे अपने घरों पर नहीं लगाने की अपील की थी, वह आज भाजपाई स्वाभिमान में तब्दील कैसे हो गया? आजादी के अभियान में जिनकी कोई भागीदारी नहीं रही सिवाय, अंग्रेजों की मुखबिरी और उनसे भत्ता लेेने के, वे आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।'

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उन्होंने आगे कहा कि, 'राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने तिरंगा बनाया, नेहरू ने जिसके लिए खून बहाया, इंदिरा गांधी ने जिसे पाकिस्तान में फहराया, भाजपा उसे बेचने की हिमाकत कर रही है? यही नहीं हमारे महापुरूषों द्वारा पिछले 70 वर्षों में जो विरासत बनायी थी वह यदि सात सालों में जिस विचारधारा द्वारा बेची जा रही है, वही अब आजादी के प्रतीक, हमारे बलिदान और अस्मिता की पहचान तिरंगे को भी बेच कर उस आजादी को भी अपमानित कर रही है, जिस पर हमारी राष्ट्रीयता गौरवान्वित होती है।'

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, 'ग्यारह कंपनियों को तिरंगा बनाने का ठेका दिया गया है, जिसमें 07 कंपनियां सिर्फ गुजरात की हैं। खादी की अपेक्षा पॉलिस्टर का झंडा बनाया जा रहा है, जिसकी कीमती तीस-चालीस रूपये निर्धारित की गई है और इसके आयोजन पर 300 करोड़ रूपये खर्च किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। क्या भाजपा जीएसटी में रजिस्टर्ड कंपनी है?

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उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा विश्व की सबसे बड़ी धनवान पार्टी है, जिसके पास देश की राजधानी दिल्ली में पांच सितारा होटल के समकक्ष अपना राजनैतिक दफ्तर बनाने, भोपाल स्थित भाजपा मुख्यालय को भी अरबों रूपयों की लागत से 10 मंजिला इमारत, जहां हेलीकॉप्टर भी उतर सकेगा और विभिन्न राज्यों में सरकार गिराने के लिए अरबों रूपयों की बेशुमार दौलत है, उसे अब तिरंगा बेचने के लिए अपने दफ्तरों में विक्रय केंद्र खोलना पड़ रहे हैं। दुर्भाग्य है कि आजादी के दौरान अंग्रेजों के मुखबिर अब आजादी के अमृत महोत्सव में अपनी भूमिका तिरंगा बेच कर निभा रहे हैं।'