शहडोल: जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण, लचर व्यवस्था के चलते नहीं हो रहा पुल निर्माण

सोन नदी में लगभग 60 गांवों के लोग साधारण नाव के सहारे मोटरसाइकिल सहित नदी पार कर रहे हैं। इस नदी पर पुल के लिए बजट मंजूर है लेकिन काम शुरु नहीं हुआ।

Publish: Sep 12, 2023, 03:16 PM IST

Image courtesy- DB
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शहडोल। मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां भाजपा सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है। वहीं दूसरी ओर लोग नदी पर पुल के नहीं होने की वजह से अपनी जान जोखिम में डाल कर नदी पार करने को मजबूर हैं। ऐसा ही मामला शहडोल के ब्यौहारी के विजयासोता गांव से सामने आया है। यहां से गुजरने वाली सोन नदी में लोग जान जोखिम में डालकर तेज धार के बीच बाइक-साइकिल सहित खुद भी नाव से नदी पार करते हैं।

यहां साधारण लोग नौका में हमेशा ओवरलोड होकर सवारी करते हैं और हमेशा कोई अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है। ऐसा भी नहीं की शासन इस बात से अनजान हो। शासन ने 112 करोड़ रुपये इस नदी पर पुल के लिए मंजूर किए हैं। लेकिन लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण यहां पुल का काम सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया।

ब्यौहारी तहसील के विजयासोता गांव में सोन नदी का पाट करीब डेढ़ किलोमीटर चौड़ा है। उसे पार करने के लिए 60 से ज्यादा गांवों के लोग रोज इसी तरह जान का खतरा मोल लेकर नदी पार करते हैं। लोग छोटी से नाव पर ही अपनी बाइक, साइकिल और अन्य सामान लादकर आना जाना करते हैं। ब्यौहारी विधानसभा के भाजपा विधायक शरद कोल ने अपनी जिम्मेदारियों का ठीकरा प्रशासन पर फोड़ दिया। और इस मामले से पल्ला छाड़ लिया। 

बताया जा रहा है कि करीब 60 गांवों के लोगों को प्रतिदिन इस तरह नदी पार करना होता है। पुल की सुविधा नहीं होने से मजबूरी में लोग नाव से सफर पूरा करते हैं। जिसमें हमेशा किसी हादसे का डर बना रहता है। यदी यह पुल बनता है तो न सिर्फ ग्रामीणों को फायदा होगा। बल्कि ब्यौहारी से कटनी और जबलपुर आना-जाना भी आसान हो जाएगा। व्यापार को भी काफी फायदा होगा। इस समय कटनी जाने के लिए लोग सैकड़ों किमी का चक्कर लगाते हैं। लेकिन प्रशासन की लचर व्यवस्थाओं के चलते यहां पुल का काम कागजों तक सिमटकर रह गया है।