मानहानि मामले में बाढ़ सकती शिवराज-शर्मा की मुश्किलें, कपिल सिब्बल बोले- अधिवक्ताओं पर लांछन लगाना गलत

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा, पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह पर किए गए 10 करोड़ के आपराधिक मानहानि केस में शनिवार को हाईकोर्ट में दो घंटे तक सुनवाई चली।

Updated: Sep 21, 2024, 04:47 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ के अपराधिक मानहानि से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। शनिवार को करीब 2 घंटे चली लंबी बहस के बाद हाई कोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी ने फैसला को सुरक्षित रखा है। ओबीसी आरक्षण पर रोक को लेकर तीनों ही भाजपा नेताओं पर गलत बयानी करने का आरोप लगा था।

अवमानना याचिका की सुनवाई में विवेक तन्खा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जबलपुर हाईकोर्ट में पैरवी की। सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि कोर्ट के बाहर कोई भी एक अधिवक्ता आरोप नही लगा सकता है। विवेक तन्खा ने ऑर्डिनेंस के खिलाफ पिटीशन फाइल की थी लेकिन इसे गलत रूप से प्रचारित किया गया है। साथ सिब्बल ही ने प्रोफेशनल की साख पर चोट लगने को समाज के लिए खतरनाक बताया।

शनिवार को कोर्ट में हुई सुनवाई से विवेक तन्खा संतुष्टि जताई है। उन्होंने कहा कि मैंने मानहानि का मुकदमा एक नेता के रूप में नहीं बल्कि एक सीनियर अधिवक्ता के रूप में दायर किया है। मैंने यह केस सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता, पूर्व एडवोकेट जनरल और पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में दायर किया है। नेता इस तरीके से कुछ भी बयानबाजी नहीं कर सकते। उन्होंने अदालत से उम्मीद जताई है कि वे ऐसा फैसला सुनाएगी जो नजीर बन जाएगा।

विवेक तन्खा ने कपिल सिब्बल की तारीफ करते हुए कहा कि सिब्बल ने बहुत अच्छे से कानून और मानहानि की व्याख्या की और कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। वहीं, कपिल सिब्बल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम जो वकील है, कोर्ट में जाकर कर्तव्य निभाते है। बहस करते है और कोर्ट के बाहर अगर लांछन लगे जो कि लगाने वाले को भी पता है कि झूठ है और प्रोफेसन पर अगर चोट लगे तो मैं समझता हूं कि समाज के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि एक वकील तो अपना काम करता है। उस आधार पर ही न्याय कोर्ट से मिलता है। अगर उन पर ही गलत आरोप लगाया जाए तो न्याय की व्यवस्था क्या रहेगी।