चोरी के शक में भील समुदाय के व्यक्ति को ट्रक से बांधकर घसीटा, अस्पताल में हुई व्यक्ति की मौत

नीमच ज़िले में मॉब लिंचिंग का एक मामला सामने आया है, जब भीड़ ने चोरी करने के शक में कन्हैयालाल भील नाम के एक व्यक्ति को कई किलोमीटर तक ट्रक से बांधकर घसीटा.. पुलिस ने 8 के खिलाफ हत्या और एससी-एसटी एक्ट में दर्ज किया मामला , अबतक 6 गिरफ्तार

Updated: Oct 11, 2021, 02:47 AM IST

Photo Courtesy : TV9 Bharatvarsh
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नीमच। मध्य प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ बर्बरता का एक और मामला सामने आया है। नीमच ज़िले में भीड़ ने भील समुदाय से आने वाले एक व्यक्ति को बुरी तरह से पीटा। चोरी के शक में लोगों ने कन्हैयालाल भील नामक इस व्यक्ति को न सिर्फ पीटा बल्कि पिकअप से घसीटा भी। कन्हैया लगातार आरोपियों से रहम की भीख मांगता रहा, लेकिन किसी को भी उसपर दया नहीं आयी। आखिरकार कन्हैया ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। घटना का मुख्य आरोपी स्थानीय महिला सरपंच का पति महेंद्र गूजर बताया जा रहा है। महेंद्र गूजर को मध्य प्रदेश के मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा का करीबी भी बताया जा रहा है।

यह हृदयविदारक घटना नीमच ज़िले के सिंगोली थाना क्षेत्र की है। 45 वर्षीय कन्हैयालाल भील को बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कुछ लोग कन्हैया को बेरहमी से पीटते दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही कन्हैया को पिकअप से घसीटे जाते हुए देखा जा सकता है। कन्हैया इस दौरान लगातार पिटाई करने वाले लोगों से रहम की भीख मांगता रहा, लेकिन लोग उसे लातों से मारते रहे।इतना ही नहीं कन्हैया को बुरी तरह से घायल करने के बाद खुद आरोपियों ने पुलिस को फोन लगाया और कन्हैया को चोर बता कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस बुरी तरह से ज़ख्मी कन्हैया को अपने साथ अस्पताल ले गई। जहां उसकी मौत हो गई।

स्थानीय लोगों के मुताबिक यह घटना दो दिन पहले यानी 26 अगस्त की है। लेकिन मुख्य आरोपी महेंद्र गूजर अपने शुभचिंतक मंत्री सकलेचा की शरण पाकर बचने के प्रयास में था। पुलिस ने भी उसके खिलाफ शुरू में धारा 304 का ही मुकदमा दायर किया था। जिसका मतलब लापरवाही की वजह से हुई मौत है। दो दिन बाद जब वीडियो वायरल हुआ तो आज पुलिस ने दोबारा 302 का मुकदमा दायर किया है। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। कुछ पत्रकारों ने इस घटना की तुलना तालिबानी मानसिकता से की है। तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि लोग बेखौफ होकर कानून अपने हाथ में ले रहे हैं और प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं बची है। उन्होंने प्रदेश सरकार से कानून का राज स्थापित करने की मांग की है।

पत्रकारों ने भी सवाल उठाए हैं। पत्रकार अनुराग अमिताभ ने इसे तालिबानी मानसिकता कहा तो ब्रजेश राजपूत ने बर्बरता की सीमाएं पार करनेवाली घटना करार दिया है।

 कन्हैया की मृत्यु होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने पिटाई करने वाले आरोपियों के खिलाफ हत्या और एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अब तक छह आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं।