इंदौर। मध्यप्रदेश इस समय विकराल संकट से जूझ रहा है। लेकिन प्रदेश को इस संकट से उबारने की ज़िम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है, अब वे आपस में ही लड़ने लग गए हैं। बुधवार को इंदौर में दो स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया। कलेक्टर मनीष सिंह और एसडीएम अभिलाष मिश्रा पर स्वास्थ्य अधिकारियों को धमकाने के आरोप लग रहे हैं। 

बुधवार को इंदौर के दो स्वास्थ्य अधिकारीयों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सबसे पहले ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पूर्णिमा गाडरिया ने कलेक्टर पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया। दरअसल इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ग्रामीण क्षेत्र में निरीक्षण करने खुड़ैल पहुंचे थे। वहां पर स्थित एक फीवर क्लीनिक में मरीज़ ने कलेक्टर से शिकायत की वह पिछले तीन चार दिनों से दवाई के लिए चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे दवाई नहीं मिल रही है। 

मरीज़ की बात सुनकर कलेक्टर ने फौरन ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गाडरिया को फोन लगाया। जिसके बाद पूर्णिमा गाडरिया ने अपना इस्तीफा भेज दिया। पूर्णिमा गडरिया ने कलेक्टर पर धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कलेक्टर ने उन्हें फोन कर कहा था कि इस्तीफा दे दो नहीं तो सस्पेंड कर दूंगा। पूर्णिमा गाडरिया का कहना है कि कलेक्टर अपनी नाकामी का ठीकरा हम पर फोड़ रहे हैं। गडरिया का कहना है कि कलेक्टर जब नाकाम होते हैं तो उसकी ज़िम्मेदारी हमारे सिर पर डाल देते हैं। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह ने गडरिया के इस्तीफे पर कहा कि ये लोग फील्ड पर नहीं जाते हैं। काम करने के बजाय नाटक करते हैं। ये लोग नाटक करेंगे तो जनता के काम कौन करेगा? 

वहीं बुधवार को ही मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर आरएस तोमर ने भी एसडीएम अभिलाष मिश्रा पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया। आरएस तोमर ने कहा कि एसडीएम उनसे बेहद अशिष्ट ढंग से बात करते हैं जो कि अब उनकी सहनशक्ति से बाहर हो गया है। वहीं एसडीएम अभिलाष मिश्रा का कहना है कि बुधवार को जब मानपुर में वे निरीक्षण के लिए गए थे तो आरएस तोमर अनुपस्थित थे। मानपुर से लगातार कोरोना मरीजों की शिकायत मिल रही थी। जब आरएस तोमर को बुलाया गया और उनसे कोरोना की दवाइयों के बारे में पूछा तब वे कोरोना की दवाईयों के नाम तक नहीं बता पाए। एसडीएम का कहना है कि उन्होंने आरएस तोमर के साथ कोई अभद्रता नहीं की।