चुनाव फंसते ही राम रहीम की गोद में जा बैठी BJP, हरियाणा चुनाव से पहले फरलो दिए जाने पर भड़की कांग्रेस

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिनों की फरलो मिली है। राम रहीम अपनी दो अनुयायियों से बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है।

Updated: Aug 13, 2024, 05:31 PM IST

नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर सुनारिया जेल से बाहर आ गया है। उसे 21 दिन की फरलो मिली है। हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राम रहीम को फरलो दिए जाने को लेकर राज्य की भाजपा सरकार घिरी हुई है। कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव फंसते ही भाजपा राम रहीम की गोद में जा बैठी।

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने ट्वीट किया, 'भाजपा जब जब चुनाव में फँसती है, जाकर राम रहीम की गोद में बैठ जाती है। आख़िर क्या चक्कर है, चुनाव से पहले ही सज़ायाफ्ता राम रहीम सलाखों से बाहर लाया जाता है? क्या भाजपा अपने दम पर चुनाव लड़ना ही भूल गई है? क्या भाजपा को अपनी राजनीतिक क्षमताओं पर चुनाव लड़ना ही नही आता, इसलिए सज़ायाफ्ता लोगों का सहारा लेती है?'

राम रहीम अपनी दो अनुयायियों से बलात्कार और पत्रकार की हत्या के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है और रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल दी गई थी। राम रहीम अब तक 11 बाज जेल से बाहर आ चुका है और यह 7वीं बार है, जब राम रहीम को किसी भी चुनाव से पहले फरलो या पैरोल मिली है।

एक वक्त था जब डेरा सच्चा सौदा के 1 करोड़ अनुयायी थे। हालांकि, राम रहीम के कुकर्म उजागर होने के बाद अब इस संख्या में भारी गिरावट आई है। हालांकि, अब भी डेरों का अच्छा प्रभाव है। डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय हरियाणा के सिरसा में स्थित है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी की राम रहीम को इसलिए फरलो ताकि उसके अनुयायियों के वोट मिल सके।

बता दें कि 2 दिन पहले ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा था कि वह राम रहीम को सोच-समझकर ही फरलो या पैरोल दे। बावजूद सरकार ने तत्काल उसे फरलो दे दिया। राज्य में तीन महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति खराब थी। राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा भी बदला गया। लेकिन सत्तधारी दल के खिलाफ लोगों का आक्रोश नहीं कम हो रहा है। ऐसे में सरकार ने राम रहीम को फरलो देकर अपना आखिरी दांव चल दी है। चुनाव पर इसका कितना असर पड़ेगा ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन सियासत जरूर गरमा गई है।