कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हुई करारी हार का ठीकरा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय पर फोड़ा गया है। अब चुनाव में हार के बावजूद विजयवर्गीय से प्रभारी का पद छिनने में हो रही देर को लेकर बंगाल बीजेपी में घमासान शुरू हो गया है। बंगाल दौरे पर गए बीजेपी महासचिव को विरोध का सामना करना पड़ा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कोलकाता की सड़कों पर कैलाश विजयवर्गीय के लिए गो बैक के पोस्टर्स लगाए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कल बीजेपी नेता शिव प्रकाश की अध्यक्षता में प्रदेश बीजेपी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। हैरानी की बात यह है कि बैठक में कैलाश विजयवर्गीय को शामिल तक नहीं किया गया था। बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान पार्टी के अधिकांश पदाधिकारियों ने विजयवर्गीय के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। 

मीडिया सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के पदाधिकारी मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी को लेकर भी कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका संदिग्ध मान रहे हैं। इन्हीं वजहों से राजधानी कोलकाता स्थित बीजेपी मुख्यालय के सामने और सड़कों पर कैलाश विजयवर्गीय गो बैक के पोस्टर्स लगाए हैं। इन पोस्टरों में बीजेपी महासचिव को टीएमसी का सेटिंग मास्टर करार दिया गया है। हालांकि, बाद में पोस्टर्स को हटा लिया गया था।

मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी के बाद बंगाल बीजेपी के दिग्गज नेता तथागत रॉय ने सार्वजनिक रूप से कैलाश विजयवर्गीय को निशाने पर लिया था। रॉय ने ट्वीट किया था कि, 'एक निष्ठावान बीजेपी समर्थक के ट्वीट का एक अंग्रेजी अनुवाद। मैंने कुछ जोड़ा या घटाया नहीं है। आंटी (ममता बनर्जी), कृप्या हमें भी तृणमूल में ले जाइए। उसे अपने दोस्त की याद आ रही हो। दोनों पूरे दिन एक साथ रहते थे।' 

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सियासी जानकारों की मानें तो बंगाल में अपेक्षा से विपरीत आए नतीजों के बाद कैलाश विजयवर्गीय का हटना तय है। एक तरह से वे जा ही चुके हैं अब महज औपचारिकताएं बाकी हैं। बंगाल प्रभारी के लिए तीन बड़े नाम चर्चा में हैं। इनमें सबसे ऊपर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम है। इसके अलावा भूपेंद्र यादव और तरुण चुघ का नाम भी चर्चा में है। भूपेंद्र यादव बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व बिहार और गुजरात के प्रभारी हैं। वहीं तरुण चुघ भी राष्ट्रीय महासचिव हैं और उनके पास जम्मू-कश्मीर का प्रभार है।