नंदीग्राम मामले की सुनवाई टली, टीएमसी सांसद बोले- क्या न्यायपालिका और नीचे गिरेगी

BJP नेताओं के साथ दिखे हाईकोर्ट के न्यायाधीश, दिलीप घोष के साथ सिंगल बेंच जस्टिस कौशिक चंदा की तस्वीरें वायरल

Updated: Jun 18, 2021, 11:25 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
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कोलकाता। नंदीग्राम से बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी की जीत को अवैध करार देने वाली सीएम ममता वनर्जी की याचिका पर सुनवाई टाल दिया गया है। कलकत्ता हाइकोर्ट के जस्टिस कौशिक चंद की एकल पीठ ने आज यह निर्देश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी। सुनवाई टलने के बाद अब टीएमसी ने हाईकोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने ममता की चुनावी याचिका पर सुनवाई के लिए जिस सिंगल बेंच जस्टिस कौशिक चंदा को नियुक्त किया है, उनपर टीएमसी ने बीजेपी से मिली भगत होने का संदेह जताया है। टीएमसी ने स्पष्ट रूप से न्यायधीश चंदा को बीजेपी का एजेंट करार दिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंदा का बीजेपी के कार्यक्रमों में मंच साझा करते हुए तस्वीरें वायरल हो रही है।

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तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर दो तस्वीरें साझा की है। इन तस्वीरों के साथ उन्होंने ने लिखा, 'इन दोनों तस्वीरों में गोल घेरे के अंदर यह व्यक्ति कौन है। क्या ये कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कौशिक चंदा हैं? क्या इन्हें ही नंदीग्राम चुनाव मामले की सुनवाई के लिए नियुक्त किया गया है? क्या न्यायपालिका और नीचे गिरेगी?' इन तस्वीरों में स्पष्ट देखा जा सकता है कि जस्टिस चंदा बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष व अन्य बीजेपी नेताओं के साथ पार्टी कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने हेतु मंच साझा कर रहे हैं। 

टीएमसी नेता ने एक अन्य ट्वीट में एक डॉक्युमेंट साझा किया है। इसके मुताबिक जस्टिस कौशिक चंदा वकील रहते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में बीजेपी की ओर से पेश हुए हैं। डेरेक ओ ब्रॉयन ने लिखा, 'ये वह मामले हैं जहां जस्टिस कौशिक चंदा कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष बीजेपी के लिए पेश हुए। लेकिन अब उन्हें नंदीग्राम चुनाव मामले की सुनवाई का जिम्मा सौंपा गया है।' 

दरअसल, सीएम ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी की जीत को अवैध करार दिया है। टीएमसी चीफ ने अधिकारी की जीत को कोलकाता हाईकोर्ट में चुनौती दी है। ममता बनर्जी ने अपनी याचिका में अधिकारी के चुनाव को अमान्य घोषित करने की मांग की है। ममता बनर्जी ने दोबारा मतगणना के लिए उनकी अपील को खारिज करने के चुनाव आयोग के फैसले पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है की शुभेंदु अधिकारी कई भ्रष्ट आचरणों में लिप्त हैं, जिसने उनकी जीत की संभावनाओं को बढ़ाया है। 

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को उनके करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी ने बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर नंदीग्राम से चुनाव हरा दिया था। तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव परिणाम के बाद यह आरोप लगाया था कि काउंटिंग में धांधली की गई है। टीएमसी ने नंदीग्राम सीट पर दोबारा काउंटिंग की मांग किया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उसे खारिज कर दिया था। नंदीग्राम में हार के बाद ही सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि वह इस मामले को लेकर कोर्ट में जाएंगी।