दूसरे केस में भी जिग्नेश मेवानी को मिली जमानत, शनिवार को आ सकते हैं जेल से बाहर

असम पुलिस ने जिग्नेश मेवानी को 25 अप्रैल को एक मामले में बेल मिलने के तत्काल बाद दोबारा गिरफ्तार कर लिया था, दलित विधायक जिग्नेश पर महिला पुलिसकर्मी से मारपीट का आरोप लगाया गया

Updated: Apr 29, 2022, 11:02 AM IST

गुवाहाटी। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को दूसरे केस में भी बेल मिल गई है। बारपेटा जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा शुक्रवार को उन्हें जमानत दी गई। मेवानी ने इस केस में गुरुवार को जमानत याचिका दायर की थी। बताया जा रहा है कि जिग्नेश शनिवार को जेल से बाहर आ सकते हैं।

दरअसल, असम में कोकराझार की एक अदालत ने गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी को पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ किए गए ट्वीट से जुड़े मामले में सोमवार को ही जमानत दे दी थी। हालांकि, जमानत मिलते ही असम पुलिस ने एक दूसरा केस बनाकर जिग्नेश को दोबारा गिरफ्तार कर लिया। इस बार जिग्नेश के खिलाफ महिला पुलिस के उपर हमला करने का आरोप लगाया गया।

इस गिरफ्तारी के बाद जिग्नेश को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। हालांकि, लोग इस केस को फर्जी मान रहे थे। लोगों को पुलिस की इस दलिल पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा था कि जैसे ही उन्हें जमानत मिली वह पास में मौजूद महिला पुलिसकर्मी के साथ छेड़छाड़, मारपीट और गाली गलौज करने लगे। जिग्नेश की दोबारा गिरफ्तारी के बाद गुजरात में हजारों की संख्या उनके प्रशंसक कई दिनों से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

जिग्नेश को बेल मिलने से पहले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया था कि, 'जिग्नेश मेवानी के द्वारा "इतिहास की सच्चाई" बताने एवम "शांति और सदभाव" को बनाए रखने के अपील के कारण असम पुलिस द्वारा झूठे आरोप में फंसाकर उसकी आवाज़ को दबाया जा रहा है जो अतिनिंदनीय है। ये भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा है और इस दमन का हम विरोध करेंगे और किसी भी कीमत पर करेंगे।'

बता दें कि पीएम मोदी की आलोचना करने के मामले में मेवानी को 19 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर शहर से असम पुलिस उठा ले गई थी। उनके एक ट्वीट को लेकर कोकराझार थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘गोडसे को भगवान मानते हैं।