मोदी सरकार देश को सांप्रदायिक बना रही है, यहां मुसलमान होना ही गुनाह है: फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि कश्मीर के लोग खुद को पराया महसूस कर रहे हैं, यहां स्थिति ज्वालामुखी की तरह है

Updated: Dec 24, 2021, 06:07 AM IST

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। अब्दुल्ला ने एक इंटरव्यू के दौरान भावुक होकर कहा कि यहां मुसलमान होना ही गुनाह है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को सांप्रदायिक बना रही है।

द वायर के लिए करण थापर को दिए एक इंटरव्यू  के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर के लोग पराया महसूस कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि जैसे उन्हें दूर किया जा रहा है। देश सांप्रदायिक होता जा रहा है। पहले यह धर्मनिरपेक्ष था। केंद्र सरकार इसे साम्प्रदायिक बना रही है, वे लोगों को बांट रहे हैं। अब्दुल्ला से जब पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत में मुस्लिम होना कैसा लगता है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह बेहद भयावह है।

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अब्दुल्ला ने कश्मीर को लेकर कहा कि यहां स्थिति एक ज्वालामुखी की तरह है जो कभी भी फट सकती है। यह पूछने पर कि अगर ज्वालामुखी फटा तो इसका परिणाम क्या होगा? अब्दुल्ला ने कहा, ‘यह पूरे राष्ट्र को अपने साथ ले जाएगा और कुछ भी नहीं बचेगा।' विपक्षी एकता और टीएमसी का कांग्रेस के खिलाफ मोर्चाबंदी को लेकर अब्दुल्ला ने कहा कि ममता बनर्जी इस बात से आहत हैं कि बंगाल चुनाव में कांग्रेस ने उनकी मदद नहीं की, बल्कि उनके खिलाफ खड़ी हुई, जब उन्हें बीजेपी से चुनौती मिल रही थी।

जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग के प्रस्ताव को लेकर अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। उन्होंने कहा कि, 'जम्मू को कश्मीर से अधिक सीटें देने का निर्णय संविधान के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस का उल्लंघन है।' हालांकि, चुनाव को लेकर अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि अगर राज्य का दर्जा बहाल होने से पहले भी चुनाव होते हैं तो नेशनल कॉन्फ्रेंस लड़ेगी और उनकी जीत होगी।