NGT ने महाराष्ट्र सरकार पर लगाया था 12 हजार करोड़ का जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार पर भारी भरकम जुर्माना लगाया था। NGT के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ठोस और तरल कचरे का प्रबंध करने में नाकाम रही है।

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर महाराष्ट्र सरकार पर 12 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। एनजीटी ने कहा कि राज्य ठोस व तरल कचरे के प्रबंधन में विफल रहा है। हालांकि, एनजीटी के इस जुर्माने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को एनजीटी के अंतरिम आदेश पर रोक लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार को बड़ी राहत दी है। न्यायालय ने ग्रीन ट्रिब्यूनल से इस मामले में चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्य सरकार STP का टेंडर जारी कर चुकी है और काम भी जारी है फिर भी एनजीटी ने इतना भारी भरकम जुर्माना लगा दिया।
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बता दें कि पिछले साल एनजीटी ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप में महाराष्ट्र सरकार पर 12 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। NGT के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ठोस और तरल कचरे का प्रबंध करने में नाकाम रही है। इस कुप्रबंधन के कारण पर्यावरण को क्षति हुई, जिसके आधार पर जुर्माना की प्रक्रिया लगाई जाती है। एनजीटी चीफ जस्टिस एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से लापरवाही नहीं कर सकते।