दिल्ली। प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में पद यात्रा की तैयारी में जुटे हुए हैं। वे कांग्रेस हाईकमान के सामने 2024 चुनाव के लिए एक रोडमैप तैयार करने को लेकर भी चर्चा में बने हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस के सामने एक प्रेजेंटेशन रखा था, जिसमें वो कोंग्रेस में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे थे। बहरहाल उन्होंने अब भारतीय जनता पार्टी को लेकर अपनी बात कही है। उनके एक कार्यक्रम में पूछा गया कि बीजेपी की सबसे बड़ी कमजोरी क्या है, तो उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पर निर्भरता ही सबसे बड़ी कमजोरी है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच कांग्रेस को बीजेपी के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। 

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किशोर ने ये बात इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक ऑनलाइन चर्चा में कही है। उन्होंने बातचीत में भाजपा की भारतीय राजनीति में बदली भूमिका और कांग्रेस पार्टी में गिरावट को लेकर अपनी बात खुलकर कही है। कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा कि "कांग्रेस देश मे मुख्य विपक्षी पार्टी है और दशकों तक सत्ता में रही है। अब उन्हें सीखना होगा कि विपक्षी दल की तरह कैसे व्यवहार करना होगा।" साथ ही कहा "चुनाव जीतने के लिए 4Ms की जरूरत होती है। आखिर में एक नेता को जनता तक ले जाना है।"

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बिहार की राजनीति में अपनी भूमिका को लेकर कहा कि "राजनीति में मेरा अगला कदम होगा कि मैं स्थिति को कैसे बदल सकता हूं। मैं कैटलिस्ट हूं, मुझे नहीं पैता कि किसी राजनीतिक दल का नेता बनूंगा या नहीं।" किशोर ने विपक्ष को एक साथ जोड़ने पर कहा कि "मैं किसी को हराने की सोच से प्रेरित नहीं हूं, जीवन में मेरी प्रेरणा शक्ति सफल होने की इच्छा है।" उन्होंने कहा "मैं सफलता का मतलब लोगों के जीवन को प्रभावित करने क्षमता के रूप में समझता हूं।"

पीएम मोदी के राजनीतिक उत्थान को लेकर कहा कि "पीएम मोदी की यूएसपी उनकी लगातार विकसित होने की क्षमता है। देखिए कि उन्होंने राष्ट्रवाद के एजेंडे के साथ अपनी विदेश नीति की समझ को कैसे जोड़ा है। ये सब मतदाताओं के दिमाग पर असर डालता है।"  उन्होंने बीजेपी के हिंदुत्व को प्रभावित करने को लेकर कहा कि "आंकड़े देखें तो आधे से भी कम हिंदू बीजेपी को वोट दे रहे हैं। जो हिंदू बीजेपी को वोट नहीं दे रहा है, आपको उन हिंदुओ से अपील करनी होगी जो बीजेपी के कथन से आश्वस्त नहीं है।" 

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गौरतलब है कि प्रशांत किशोर दो अक्टूबर से बिहार यात्रा पर निकलेंगे। वे तीन हजार किलोमीटर की यात्रा के दौरान 17000 से अधिक लोगों से मिलेंगे और संवाद करेंगे।  गांव-शहर के गली-गली में जाएंगे और लोगों से मिलकर उनका विचार लेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि वे चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ दिया है। आई-पैक कंपनी आज भी काम कर रही है। मेरी अब उसमें कोई भूमिका नहीं है।