पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने शिवराज सरकार को घेरा, कमलनाथ ने कहा- इसको लेकर हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे लड़ाई
भाजपा की शिवराज सरकार मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती , मजबूती से ओबीसी वर्ग के आंकड़ों को रखती तो निश्चित तौर पर आज ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता: कमलनाथ

भोपाल। लोकल चुनाव में लंबे समय से चल रहे ओबीसी आरक्षण का मुद्दा लटका हुआ था, जिसका रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने आज साफ कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद सियासत फिर गरम गई है। विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मध्य प्रदेश में बिना आरक्षण के ही पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। कोर्ट ने एमपी चुनाव आयोग को अधिसूचना जारी करने के भी निर्देश दिए हैं।
इस खबर ने प्रदेश की राजनीति का टेम्प्रेचर बढ़ा दिया है। इस मामले में मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जेपी धनोपिया ने भाजपा सरकार की खूब आलोचना की है। उन्होंने कहा कि “ जैसी की संभावना थी, मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी पिछड़े वर्ग के साथ धोखा करने का षड्यंत्र रच रही है, बिल्कुल वैसा ही हुआ है। भाजपा द्वारा जिस तरह सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारियां प्रस्तुत की गईं, पिछड़े वर्ग की आबादी का गलत आंकड़ा दिया गया और आरक्षण की मांग ज्यादा की गई है। इन सब बातों से लग रहा था कहीं न कहीं भाजपा फिर से पिछड़े वर्ग के साथ छलावा करने का काम कर रही है।”
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उन्होंने कहा कि “जिसकी पुष्टि इस बात से होती है कि भाजपा की ओर से नियुक्त वकील द्वारा कोर्ट में कहा गया था कि कोर्ट से उम्मीद है कि निर्णय महाराष्ट्र जैसा ही होगा। इससे साफ लग रहा है कि योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के सामने भी कोई विकल्प नहीं था, जब दस्तावेज ही नहीं पूरे दिए गए हैं।” उन्होंने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं करता हूं, लेकिन जो भाजपा द्वारा पिछड़े वर्ग के साथ धोखा करने का प्रयास किया जा रहा है, निश्चित रूप से वह निंदनीय है। इसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है। भारतीय जनता पार्टी को इसके लिए खामियाजा भुगतना पड़ेगा। आने वाले समय में आप देखेंगे मध्य प्रदेश के अंदर पिछड़ा वर्ग की 56 प्रतिशत आबादी भाजपा के खिलाफ खड़ी होगी और आने वाले समय में उनको इस बात का एहसास होगा कि उन्होंने जो किया है वो गलत किया है।
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फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “हमारी 15 माह की सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित व कल्याण के लिए उनके आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था। हमारी सरकार जाने के बाद शिवराज सरकार ने एक ग़लत अभिमत देकर इस निर्णय को भी कई माह तक रोके रखा, बाद में जब हमने इसकी लड़ाई लड़ी तो सरकार ने अपनी गलती को सुधार कर हमारी सरकार के निर्णय को लागू किया।” पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवराज सरकार पर मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष नहीं रखने का आरोप भी लगाया।
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव व नगरीय निकाय चुनाव नही होना चाहिये।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 10, 2022
इसको लेकर हम ओबीसी वर्ग के साथ हैं , हम चुप नहीं बैठेंगे।
हम आज आये फ़ैसले का अध्ययन करेंगे , विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे।
इसको लेकर हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की थी कि आपने समय रहते जब कार्रवाई पूरी नहीं की तो अब आगे आप क्या करेंगे। उसके बाद आज यह फैसला आया है। यदि भाजपा की शिवराज सरकार मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती , मजबूती से ओबीसी वर्ग के आंकड़ों को रखती तो निश्चित तौर पर आज ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता।” कमलनाथ ने कहा “इसको लेकर हम ओबीसी वर्ग के साथ हैं , हम चुप नहीं बैठेंगे। हम आज आये फ़ैसले का अध्ययन करेंगे , विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे। इसको लेकर हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।”
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वहीं भोपाल से विधायक पीसी शर्मा भी सरकार पर जमकर बरसे हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि “एक कहावत तो सुनी होगी, अधूरा ज्ञान मौत समान, ठीक उसी परिपाटी के चलते आधे अधूरे तथ्यों और जानकारी के साथ कोर्ट पहुँची शिवराज सरकार ने प्रदेश के ओबीसी आरक्षण को लील लिया। आज आर एस एस और मोहन भागवत बहुत ही प्रसन्न होंगे उनका सपने पूर्ण हुए। साथ ही कांग्रेस नेता देवाशीष जरारिया ने लिखा “ओबीसी की आंखों में सीएम शिवराज ने धूल झोंकी है, बिना ट्रिपल टेस्ट कराए जमा अधूरी रिपोर्ट जमा की है। नतीजा निकाय एवं पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण समाप्त हुआ। अब 15 दिनों में बिना ओबीसी आरक्षण के अधिसूचना जारी करनी होगी।
एक कहावत तो सुनी होगी...
— P. C. Sharma (@pcsharmainc) May 10, 2022
अधूरा ज्ञान मौत समान... ठीक उसी परिपाटी के चलते आधे अधूरे तथ्यों और जानकारी के साथ कोर्ट पहुँची शिवराज सरकार ने प्रदेश के ओबीसी आरक्षण को लील लिया॥ आज आर एस एस और मोहन भागवत बहुत ही प्रसन्न होंगे उनका सपने पूर्ण हुए... #Pcsharmainc pic.twitter.com/urcrpDpA8J
कोर्ट के फैसले के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “इसका अध्धयन हमने अभी नहीं किया है, लेकिन ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत के चुनाव हों, हम इसके लिए रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे। पुनः आग्रह करेंगे कि स्थानीय चुनाव ओबीसी के आरक्षण के साथ हो।