नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) आज देशव्यापी प्रदर्शन कर रहा है। इस विरोध प्रदर्शन में देशभर के करीब 3 लाख 50 हजार डॉक्टरों के शामिल होने का अनुमान है। यह विरोध प्रदर्शन कोरोना काल के दौरान डॉक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर होगा। आईएमए ने इस विरोध प्रदर्शन का स्लोगन 'सेव द सेविअर्स' (रक्षकों की रक्षा करो) रखा है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ जे ए जयलाल ने कहा, 'डॉक्टरों को हिंसक हमलों से बचाने के लिए केंद्रीय कानून की मांग को लेकर आईएमए यह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहा है। धरने में एसोसिएशन के 3 लाख 50 हजार डॉक्टर हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान देश के सभी राज्य में डॉक्टर्स काली पट्टी, मास्क, रिबन, शर्ट (सभी काले रंग का) पहनकर प्रदर्शन करेंगे और स्वास्थ्य कर्मियों को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की अपील करेंगे।'

डॉ जयलाल ने आगे कहा कि, 'एक जुलाई को डॉक्टर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक जुलाई तक केंद्र सरकार को डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर कानून बनाना होगा। ऐसा न होने की स्थिति में आईएमए हड़ताल पर चला जाएगा। आईएमए ने आईपीसी और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के साथ 'केंद्रीय अस्पताल एवं स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर संरक्षण अधिनियम' को लागू करने, प्रत्येक अस्पताल की सुरक्षा बढ़ाने तथा अस्पतालों को संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है।

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मेडिकल एसोसिएशन ने पिछले दो हफ्तों में असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और अन्य स्थानों पर डॉक्टरों के खिलाफ हुई सिलसिलेवार हिंसा को लेकर चिंता जताया है। IMA के मुताबिक इस हड़ताल के लिए FOGSI, पेडियाट्रिक एसोसिएशन समेत अन्य कई बड़े संगठनों ने उनका समर्थन किया है। विरोध प्रदर्शन में एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया, द एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया, मेडिकल स्टूडेंट्स नेटवर्क, जूनियर डॉक्टर नेटवर्क जैसे कई संगठन हिस्सा ले रहे हैं।