नई दिल्ली। पोर्ट ब्लेयर सामूहिक दुष्कर्म मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अंग्रेज़ी के एक प्रमुख अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि इस मामले में एक से अधिक महिलाएं पीड़ित हैं। इसके साथ ही मामले में मुख्य आरोपी पूर्व चीफ सेक्रेटरी जितेंद्र नारायण पर सबूत मिटाने के भी आरोप हैं। एसआईटी ने इस मामले में पूर्व सीएस सहित तीनों आरोपी पर सबूत मिटाने से संबंधित धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया है।

अंग्रेज़ी अखबार ने यह दावा किया है कि तीन फरवरी को पोर्ट ब्लेयर कोर्ट के समक्ष एसआईटी द्वारा दायर की गई नौ सौ पन्नों की चार्जशीट के हवाले से किया है। एसआईटी ने कोर्ट को बताया है कि मामले के एक गवाह ने तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी के सरकारी आवास पर कई महिलाओं को जाते देखा था।

एसआईटी को इस मामले में दो पत्र भी प्राप्त हुए हैं। जिनमें कई महिलाओं के साथ नौकरी के बदले ज्यादती की गई। लेकिन पीड़िताओं ने पूर्व चीफ सेक्रेटरी के सामाजिक कद को देखते हुए अपना मुंह नहीं खोला था। इसके अलावा नारायण के विरुद्ध अंडमान निकोबार सरकार की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर भी जांच चल रही है। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन शोषण की जांच करने के लिए गठित विशाखा कमेटी इस मामले को देख रही है। 

जांच में एसआईटी ने यह पता लगाया है कि कैसे नारायण ने सीसीटीवी कैमरों के दो हार्ड डिस्क डिस्पोज़ किए। नारायण ने अपने सरकारी आवास के बेडरूम में सीसीटीवी मॉनिटरिंग सिस्टम लगा रखा था और जैसे ही 21 जुलाई 2022 को नारायण के ट्रांसफर ऑर्डर आए, वैसे ही नारायण ने अपने प्राइवेट सेक्रेट्री को एक सीसीटीवी टेक्निशियन को बुलाकर तमाम सीसीटीवी फुटेज मिटाने के लिए कह दिया। सारी प्रक्रिया करने के तीन दिन बाद नारायण अपनी नई पोस्टिंग नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए। 

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पूर्व चीफ सेक्रेटरी जितेंद्र नारायण पर पोर्ट ब्लेयर की रहने वाली 21 वर्षीय युवती ने नारायण पर दो बार उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा उसने इस प्रकरण में अंडमान निकोबार के पूर्व कमिश्नर आरएल ऋषि के भी संलिप्त होने का आरोप लगाया है। इस मामले में जितेंद्र नारायण, आरएल ऋषि और होटल मालिक संदीप सिंह भी आरोपी है। तीनों ही आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। 

एसआईटी ने दावा किया है कि ऋषि और संदीप दोनों ही 24 अगस्त को कोलकाता के लिए रवाना हो गए थे। संदीप ने जांच टीम को बताया कि 11 नवंबर को नारायण की गिरफ्तारी होने के बाद उन्होंने अपने फोन एक बांध के समीप पानी में फेंक दिया था। जबकि ऋषि ने बताया कि उसका फोन अपने किसी पड़ोसी की कार में छूट गया था। हालांकि जांच टीम को दोनों द्वारा बताए गए जगहों से कोई फोन बरामद नहीं हुआ।

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पूर्व चीफ सेक्रेटरी के आवास पर तैनात एक सिक्योरिटी स्टाफ भी इस मामले में गवाह है। उसने बताया है कि नारायण ने बंगले में प्रवेश करने वाली महिलाओं की एंट्री न भरने के निर्देश दिए थे। महिलाओं के मौजूद रहने पर सुरक्षाकर्मियों को बंगले के पीछे रहने के लिए कहा जाता था।