पंजाब को जल्द मिलने वाला है नया कैप्टन, सुखजिंदर सिंह रंधावा हो सकते हैं नए सीएम

शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद सीएम पद की रेस में कई नाम चल रहे थे, इस रेस में सुखजिंदर सिंह रंधावा ने लगभग बाज़ी मार ली है

Updated: Sep 19, 2021, 12:22 PM IST

Photo Courtesy : The Week
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नई दिल्ली।  पंजाब को जल्द ही अपना नया कैप्टन मिलने वाला है। सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब के नए सीएम होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक रंधावा के नाम पर जल्द ही औपचारिक मुहर लगने वाली है। 6 बजे पंजाब के नए मुख्यमंत्री का एलान हो सकता है। पंजाब प्रभारी हरिश रावत ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है।हालांकि अब भी मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पेंच फंस रहा है। पार्टी के एक धड़े का मत है कि एक दलित चेहरे को सीएम बनाना चाहिए।रंधावा के अलावा चरणजीत चन्नी के नाम पर भी चर्चा चल रही है।

इससे पहले रविवार सुबह से ही सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर विधायकों का जुटना शुरु हो गया था। जिसके बाद से ही रंधावा का सीएम बनना लगभग तय माना जा रहा था। लेकिन रंधावा के नाम पर हाईकमान की हरि झंडी मिलने का इंतज़ार किया जा रहा है। दोपहर में राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। जिसके बाद नए सीएम की तस्वीर साफ होने के आसार हैं।

रंधावा पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट का हिस्सा थे। रंधावा कैबिनेट में जेल और सहकारिता मंत्री का पदभार संभाल रहे थे। रंधावा के अलावा दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा है। अरुणा चौधरी और भारत भूषण आशु उपमुख्यमंत्री होंगे। दोनों ही कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट का हिस्सा थे।  

रविवार सुबह से ही कांग्रेस के नए कैप्टन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद से ही कई नाम सीएम पद की रेस में चल रहे थे। रंधावा के अलावा पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और अंबिका सोनी के नाम भी दावेदारी की रेस में थे। लेकिन दिन के चढ़ते चढ़ते मुख्यमंत्री की पगड़ी रंधावा के सिर चढ़ना लगभग तय हो गया। 

मीडिया में आम चर्चा सीएम के चेहरे को लेकर थी। ऐसा माना जा रहा था कि चूंकि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू खुद सिख समुदाय से आते हैं, इसलिए कांग्रेस किसी हिंदू चेहरे को मौका दे सकती है। लेकिन कांग्रेस ने आखिरकार सिख समुदाय से आने वाले रंधावा के हाथों में ही कमान सौंपी। रंधावा को पंजाब कांग्रेस में कैप्टन विरोधी गुट का एक बड़ा चेहरा माना जाता रहा है।कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ तमाम आयोजनों और घटनाक्रमों में सुखजिंदर सिंह को शिरकत करते देखा जाता रहा है।

रंधावा में कांग्रेस पार्टी द्वारा भरोसा जताए जाने के पीछे रंधावा के कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पण को बड़ा फैक्टर माना जा रहा है।रंधावा के पिता संतोख सिंह पंजाब कांग्रेस के दो बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके थे। रंधावा का परिवार शुरु से ही कांग्रेस का हिस्सा रहा है। सुखजिंदर सिंह रंधावा मौजूदा वक्त में डेरा बाबा नानक से विधायक हैं। तीन बार के कांग्रेस के विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पहली बार 2002 में चुनावी राजनीति में कदम रखा था। रंधावा ने अकाली दल के निर्मल सिंह को चुनाव हराया था। सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे चुके हैं। रंधावा पंजाब कांग्रेस के महासचिव रह चुके हैं।

करीब 20 वर्षों की चुनावी राजनीति का अनुभव रखने वाले रंधावा को कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सीएम बनाया है। हालांकि रंधावा को कांग्रेस अपने पूर्णकालिक सीएम के तौर पर देख रही है या नहीं, इस पर अभी सस्पेंस बरकरार है। मीडिया में शनिवार से ही यह चर्चा आम है कि कांग्रेस विधानसभा चुनावों से पहले नाइट वॉचमैन के तौर पर एक सीएम बनाना चाह रही है।कांग्रेस पार्टी पंजाब के पूर्णकालिक कैप्टन का फैसला चुनावों में जीत मिलने के बाद ही करेगी।