छिंदवाड़ा में BEO ऑफिस के तृतीय श्रेणी कर्मचारी ने किया 1.32 करोड़ का गबन, मृत सहकर्मियों का पैसा रिश्तेदारों को भेजा

फाइनेंस डिपार्टमेंट (जबलपुर) टीम ने यह गड़बड़ी पकड़ी है। टीम 10 दिन से इसकी जांच में जुटी हुई थी। टीम ने बैंक, ट्रेजरी और सॉफ्टवेयर के रिकॉर्ड देखे, तब जाकर मामला खुला।

Updated: May 18, 2024, 05:17 PM IST

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य छिंदवाड़ा जिले में एक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) ऑफिस में बड़े स्तर पर अनिमितता की जानकारी सामने आई है। यहां BEO ऑफिस में पदस्थ तृतीय श्रेणी कर्मचारी द्वारा 1.32 करोड़ का गबन किया गया। फाइनेंस डिपार्टमेंट (जबलपुर) टीम ने यह गड़बड़ी पकड़ी है। टीम 10 दिन से इसकी जांच में जुटी हुई थी। टीम ने बैंक, ट्रेजरी और सॉफ्टवेयर के रिकॉर्ड देखे, तब जाकर मामला खुला।

जुन्नारेदव के तत्कालीन ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (बीईओ) एमआई खान के कार्यकाल में यह गड़बड़ी हुई है। खान वर्तमान में अमरवाड़ा के बटकाखापा में व्याख्याता हैं। 2020 में इनको तत्कालीन कलेक्टर सौरभ सुमन ने अतिथि शिक्षक की नियुक्ति में अनियमितता पर बीईओ के पद से हटा दिया था।

बताया जा रहा है कि तृतीय श्रेणी बाबू तौसीफ खान ने मृत और रिटायर कर्मचारियों का जीआईएस (समूह बीमा योजना) व पेंशन की राशि पत्नी, बहन, रिश्तेदारों, दोस्तों और खुद के बैंक खातों में डाल दी। आरोपी ने कोरोना में मृत कर्मचारी तक का पैसा नहीं छोड़ा। 2018 से अब तक गबन होता रहा।

बाबू तौसीफ ने अपनी करतूतों में एमआई खान की लॉगिन आईडी इस्तेमाल की है। जांच टीम एमआई खान को भी आरोपी मानकर चल रही है। दोनों पर एफआईआर होना तय है। फाइनेंस डिपार्टमेंट के अपर संचालक रोहित सिंह कौशल ने बताया, 'हमें गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। 21 बैंक खातों की जांच की, 12 में वित्तीय गड़बड़ी मिली। फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसे जबलपुर संभाग कमिश्नर और वित्तीय विभाग भोपाल मुख्यालय भेजा जाएगा। तौसीफ खान ने 31 लाख 30 हजार रुपए जमा कराए।