Hathras Case: पीड़िता का परिवार नजरबंद, पूरे परिवार को कोरोना से संक्रमित घोषित करने की तैयारी, भाई और भाभी ने सुनाई आपबीती
Hathras Rape Case Update: पीड़िता के भाई और भाभी ने बताई अपने गांव की असली स्थिति, चुप्पी साध लेने लिए परिवार पर लगातार दबाव बना रहे हैं डीएम

हाथरस। हाथरस गैंग रेप काण्ड और पीड़िता की मृत्यु के बाद से ही प्रशासन की भूमिका और रवैया दोनों ही सवालों के घेरे में है। पीड़िता के गांव को क्वारेंटाइन कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी के अलावा किसी को पीड़िता के घर तक पहुंचने की इजाजत नहीं दी गई है।
हिन्दी के अख़बार दैनिक भास्कर ने पीड़िता के परिवार से संपर्क साध लिया है। पीड़िता के बड़े भाई ने अख़बार को बताया है कि उनके पूरे परिवार को नज़रबंद कर लिया गया है तथा प्रशासन उनको कहीं आने जाने भी नहीं दे रहा है। पीड़िता ने भाई ने बताया है कि वे सब बिना प्रशासन की अनुमति के बाथरूम तक इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।
पीड़िता की भाभी ने डीएम द्वारा पूरे परिवार पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। पीड़िता की भाभी ने बताया है कि डीएम परिवार पर चुप्पी साध लेने का लगातार दबाव बना रहे हैं। पीड़िता की भाभी ने कहा कि जब उन्होंने डीएम से बिना परिवार की मर्ज़ी के आधी रात में पीड़िता के अन्तिम संस्कार कर देने के ऊपर सवाल किया तो डीएम ने बॉडी के खराब हो जाने का हवाला दे डाला। डीएम ने बताया कि बॉडी इतनी खराब हो चुकी थी कि तुम (पीड़िता की भाभी) लोग देख नहीं सकते थे।
पोस्टमार्टम को लेकर डीएम ने कहा कि 'तुम लोग पोस्टमार्टम का मतलब भी समझते हो? सर में हथोड़ा मारते हैं, सर फोड़ देते हैं, ये-वो निकाल लेते हैं। गले से लेकर पेट तक पूरा चाकू से काट देते हैं। बॉडी पन्नी में पैक थी, उसे खोलकर दिखाते तो कितनी दिक्कत होती।' पीडिता की भाभी ने कहा है कि उन्हें पोस्टमार्टम और मेडिकल की रिपोर्ट दोनों पर ही तिनके भर का भरोसा नहीं है। परिवार का आरोप है कि जांच रिपोर्ट बदल दी गई हैं।
पीड़िता की भाभी ने कहा है कि परिवार को मुआवज़ा नहीं इंसाफ चाहिए। और न्याय तभी मिलेगा जब दोषियों को मौत की सज़ा मिलेगी। उनके पूरे घर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। हमें धमकाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगर एक घर से बेटा जाएगा तो तुम्हारे घर से भी जाएगा। पीड़िता के भाई को जान से मार देने को लेकर धमकी दी जा रही है। पीड़िता की भाभी ने बताया कि जान बूझ के हमारे सामने ऐसी परिस्थिति निर्मित की जा रही है ताकि हम सब चुप्पी साध लें और गाँव छोड़कर चले जाएं। उन्होंने आगे बताया कि तीन पुलिसकर्मियों को कोरोना हो गया है। ऐसे में पुलिस हमारा भी टेस्ट करवाना चाहती है। ताकि अगर एक बार पूरे परिवार को कोरोना से संक्रमित घोषित कर दिया जाए तो प्रशासन पूरे घर को अपने नियंत्रण में ले सके।