लेखक पीयूष बबेले को मिलेगा पंडित नेहरू राष्ट्रीय शिखर सम्मान, नेहरू मिथक और सत्य की रचना के लिए होंगे सम्मानित

प्रख्यात लेखक पीयूष बबेले देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों में अहम पदों पर रह चुके हैं। गूढ़ विषयों को सरल भाषा में व्यक्त करना उनका खास अंदाज है। उनकी किताब ‘नेहरू मिथक और सत्‍य’ एक कालजयी रचना मानी जाती है।

Updated: Aug 04, 2023, 10:24 AM IST

जयपुर। पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी अपना पहला राष्ट्र स्तरीय शिखर सम्मान 'पं. जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शिखर सम्मान' प्रख्यात लेखक व पत्रकार पीयूष बबेले को देने जा रही है। अकादमी इस माह के अंत में जयपुर में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में बबेले को यह सम्मान देगी।

अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी ने बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के मूल्यों और विचारों को ध्यान में रखकर युवाओं को प्रेरित शिक्षित और राष्ट्र के प्रति समर्पित करने के लिए लिखे गए साहित्य के आधार पर पीयूष बबेले का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अकादमी ने राष्ट्रीय स्तर के इस पुरस्कार को प्रदान करने के लिए शीर्ष विद्वानों और नेहरू साहित्य के विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया था जिसमें गांधी इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ बी.एम.शर्मा, पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ओम थानवी, काशी विद्यापीठ बनारस में सेवारत रहे प्रोफेसर सतीश राय और वरिष्ठ साहित्यकार फारूक अफरीदी सदस्य थे। इस कमेटी के सर्व सम्मत अनुशंसा पर यह इस पुरस्कार हेतु पीयूष बबेले का चयन किया है।

राजस्थानी ने बताया कि राजस्थान में किसी भी अकादमी द्वारा प्रदान किए जा रहे पुरस्कारों की दृष्टि से यह पुरस्कार एवं सम्मान सर्वोपरि है क्योंकि इस सम्मान की राशि एक लाख रु. रखी गई है जो फिलहाल किसी भी अन्य अकादमी द्वारा नही दिया जा रहा। अकादमी सचिव राजेन्द्र मोहन शर्मा ने बताया कि पुरस्कार स्वरूप बबेले को अकादमी की ओर से नकद पुरस्कार के अतिरिक्त मानपत्र और स्मृति चिन्ह भी भेंट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बबेले युवा लेखक साहित्यकार और नेहरू के विचारों के वाहक और लेखक हैं। उनकी पुस्तक नेहरू मिथक और सत्य को देशभर में सराहना मिली है। 

बता दें कि पीयूष बबेले देश के कई मीडिया संस्‍थानों में अहम पदों पर रह चुके हैं। वह पिछले डेढ़ दशक से राजनीतिक विश्लेषण और ग्रामीण भारत की अनकही कहानियों को राष्ट्रीय पटल पर व्यक्त करते रहे हैं। गूढ़ विषयों को सरल भाषा में व्यक्त करना उनका खास अंदाज है। राजनीति व इतिहास पर उनकी गहरी पकड़ है। स्‍वतंत्र लेखक के रूप में भी वह कई संस्‍थानों के लिए लेख आदि लिखते रहे हैं। उनकी किताब ‘नेहरू मिथक और सत्‍य’ आज के समय की कालजयी रचना मानी जाती है। यह पुस्तक मौजूदा समय में पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ फैलाए जा रहे तमाम झूठ का पर्दाफाश करती है। साथ ही युवा पीढ़ी के मन में नेहरू को लेकर उठने वाले तमाम समसामयिक सवालों के जवाब भी देती है।