अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को उनके योगदान के लिए सम्मानित करते हुए एक स्पेसक्राफ्ट का नामकरण उनके नाम पर किया गया है। यह स्पेसक्राफ्ट एक अमेरिकी कंपनी का है और जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की तरफ कूच करेगा। कल्पना चावला भारत में जन्मी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं। कल्पना चावला की 2003 में अपने छह सहयात्रियों के साथ कोलंबिया में मौत हो गई थी।

कंपनी नार्थरोप ग्रूमन ने कहा कि वह अपने सिग्नस कैप्सूल का नाम कल्पना चावला के नाम पर उनकी याद में रखेगी। कंपनी ने कहा कि चावला ने अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है और हम उनके सम्मान में यह करने जा रहे हैं। यह भी कहा गया कि कंपनी की परंपरा रही है कि वह इस तरह का योगदान देने वालों के नाम पर अपने स्पेसक्राफ्ट का नामकरण करती है।

कल्पना चावला के नाम वाला यह स्पेसक्राफ्ट 29 सितंबर को उड़ान भरेगा और दो दिन बाद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचेगा। यह अपने साथ 3,629 किलो कारगो ले जाएगा।

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कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च, 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। उन्होंने 1982 में पंजाब के इंजीनियरिंग कॉलेज से ऐस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। बाद में वे अमेरिका आ गईं और 1984 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस से मास्टर्स की डिग्री हासिल की।

यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो से पीएचडी करने के बाद चावला ने 1988 में नासा के साथ काम करना शुरू किया। 1991 में पूरी तरह से अमेरिकी नागरिक बनने के बाद चावला ने नासा के एस्ट्रोनॉट कार्यक्रम के लिए आवेदन किया। 1994 में उनका चयन हुआ और 1996 में अंतरिक्ष में पहुंचकर उन्होंने इतिहास रच दिया।