NASA launch : पहली बार अंतरिक्ष में निजी कंपनी SpaceX की उड़ान

अंतरिक्ष में कमर्शियल स्पेस ट्रेवल की शुरुआत। पहली बार निजी कंपनी के अंतरिक्षयान में नासा के दो वैज्ञानिकों ने उड़ान भरी

Publish: Jun 01, 2020, 05:10 AM IST

Photo courtesy : reuters
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कोरोना महामारी के बीच नासा ने दो अंतरिक्ष यात्रियों को सफलतापूर्वक अंतराष्ट्रीय स्पेस सेंटर में भेजकर इतिहास रचा है। यह स्पेस मिशन मशहूर उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी स्पेस-एक्स (Space X) के रॉकेट से पूरी की गई है। नासा ने नौ साल बाद अंतरिक्ष में इंसानों को भेजा है। विश्व में यह पहला मौका है जब अंतरिक्ष में इंसानों को लेकर किसी निजी कंपनी का रॉकेट गया हो। विशेषज्ञ इसे कमर्शियल स्पेस ट्रेवल की ऐतिहासिक शुरुआत बता रहे हैं। वैश्विक महामारी से लाखों नागरिकों को खो चुके अमेरिका के लिए यह एक बेहद खुशी का पल है। बता दें कि केवल तीन देशों को अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने की उपलब्धि हासिल है जिसमें अमेरिका, रूस, और चीन शामिल है।

दरअसल, शनिवार दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर नासा से स्पेस-एक्स कंपनी की रॉकेट दो यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरी थी। रविवार सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर यह अंतरिक्षयान अपने कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हुआ है। फ्लोरिडा के केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से हुआ यह प्रक्षेपण इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह करीब एक दशक में पहली बार है जब अमेरिकी जमीं से मानवों को कक्षा में भेजा गया है। इस प्रक्षेपण के साथ ही स्पेस-एक्स पहली निजी कंपनी बन गई है जिसने मनुष्य को कक्षा में भेजा हो।

इस रॉकेट का नाम falcon-9 है जिसके आगे लगे कैप्सूल में बैठकर नासा के वैज्ञानिक डाग हार्ले और बॉब बेनकेन ने उड़ान भरी। नासा ने बताया है कि दोनों वैज्ञानिक वहां तकरीबन चार महीने रहने के बाद धरती पर वापस आएंगे। गौरतलब है कि यह इस लॉन्चिंग उसी लॉन्च पैड से की गई है जहां से अपोलो मिशन के अंतरिक्षयात्रियों ने चंद्रमा के लिए उड़ान भरी थी। यह लॉन्चिंग पहले बुधवार को तय की गई थी लेकिन तकनीकी खराबी होने के कारण इसे शनिवार तक के लिए टालना पड़ा था।

 

 

लॉन्चिंग के इस मौके पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस भी मौजूद थे। इस दौरान ट्रंप ने कहा कि, 'मुझे नासा के लोगों पर गर्व है, जिन्होंने साथ मिलकर काम किया, जब आप ऐसा दृश्य देखते हैं तो यह अतुल्नीय होता है।'

 

बता दें कि अमेरिका ने आखिरी बार वर्ष 2011 में स्पेस शटल को लॉन्च किया था वहीं पिछले नौ वर्षों से वह अंतरिक्षयात्रियों को स्पेस में भेजने के लिए रूस पर निर्भर था। नासा 2030 तक मंगल ग्रह पर भी यात्रियों को भेजने की तैयारी में है।