संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही मोदी सरकार, लोकतंत्र खतरे में है: CM बघेल

हमारी न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है, अन्य अभी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है: भूपेश बघेल

Updated: Apr 14, 2023, 07:22 PM IST

रायपुर। संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आज देश में संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। सीएम बघेल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार संविधान में जो व्यवस्थाएं हैं, जितनी भी संस्थाएं हैं सभी को कमजोर करने का काम कर रही है।

मुहक्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को रायपुर के घड़ी चौक पर स्थित डॉ आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'वे आरक्षण लागू होने नहीं दे रहे हैं। जिसको जितना आरक्षण मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है। सारी भर्तियां बंद है, जितने भी संवैधानिक संगठन है, उसको भी कमजोर किया जा रहा है। हमारी न्यायपालिका को भी प्रभावित करने की कोशिश हो रही है और अन्य संगठनों को भी दबाया जा रहा है।'

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सीएम ने कहा कि आज लोकसभा में चर्चा नहीं हो रही है। अडानी के मामले में सवाल पूछने पर सदस्यता समाप्त हो जाती है। बंगला खाली करा दिया जाता है। आज आपको सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष और पत्रकारों का सबसे बड़ा अस्त्र सवाल पूछने का है और ये सवाल से भागते हैं। सवाल पूछने वालों को दंडित किया जाता है। उन्हें कुचलने का प्रयास किया जाता है। इसका सीधा सा मतलब है कि लोकतंत्र खतरे में है।

छत्तीसगढ़ में अब तक आरक्षण संशोधन बिल राजभवन में अटके होने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में राज्यपाल की भूमिकाओं की समीक्षा होनी चाहिए। ये तय होना चाहिए की विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को राज्यपाल कितने दिन रख सकते हैं। ऐसे विधेयक जो सीधे जनता से जुड़े नहीं है, उसमें देरी क्यों? अगर राष्ट्रपति के पास भेजा जाना है तो अलग बात है लेकिन आरक्षण तो विशुद्ध रूप से राज्य का विषय है। इसे राज्यपाल 5 महीने से क्यों रोके हुए हैं?