भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खराब संकेत, IMF ने 3 फीसदी तक घटाया भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान
IMF के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.5 फीसदी ही रहेगी, जबकि अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के लिए 12.5 फीसदी का अनुमान लगाया था

नई दिल्ली। कोरोना से जूझ रहे भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से चिंताजनक खबर आई है। मौजूद वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर घट सकती है। IMF ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का तीन फीसदी तक घटने का अनुमान लगाया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.5 फीसदी पर आकर रुक सकती है। जबकि अप्रैल महीने में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया था कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 12.5 फीसदी रह सकती है।
हालांकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने नए अनुमान में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में कोई बदलाव नहीं किया है। IMF के अनुसार चालू वित्त वर्ष में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर पहले के अनुमान के मुताबिक 6 फीसदी रह सकती है।
लेकिन इन सबके बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर यह है कि आर्थिक वृद्धि दर के सिलसिले में अगले वित्त वर्ष के लिए IMF ने अनुमान बढ़ाया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2022-23) में पटरी पर लौटने की ओर बढ़ सकती है।
आईएमएफ ने अगले वित्त वर्ष के लिए अपने पहले अनुमान में डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी की है। आईएमएफ के मुताबिक अगले वित्त वर्ष भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.5 फीसदी रहने का अनुमान है। जबकि इससे पहले आईएमएफ ने 6.9 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान जताया था। आईएमएफ ने कहा है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की गुंजाइश समाप्त हो गई। कोविड की दूसरी लहर के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में रिकवरी की उम्मीद टूट गई।
चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के लिए केवल आईएमएफ ने ही खराब संकेत नहीं दिए हैं। वर्ल्ड बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के लिए 8.3 फीसदी का अनुमान लगाया है। जो कि आईएमएफ के अनुमान से भी 1.2 फीसदी कम है। वहीं S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 9.5 फीसदी कर दिया था। वहीं अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्ध दर के लिए 7.8 फीसदी का अनुमान लगाया गया है। जो कि आईएमएफ के अनुमान से भी 1.7 फीसदी कम है। इन अनुमानों की मानें तो आने वाले वक्त में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने और गंभीर चुनौतियां खड़ी होने वाली हैं।