नई दिल्ली। पाकिस्तान की एक अदालत ने शुक्रवार को आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैय्यबा के सरगना ज़की उर रहमान लखवी को 15 साल की सज़ा सुनाई है। लखवी को तीन अलग अलग मामलों में पांच पांच साल की सज़ा सुनाई गई है। लखवी को आतंकवादी गतिविधियों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने का दोषी पाया गया है।  

एक हिंदी न्यूज़ चैनल के अनुसार लखवी को एक दवाखाना चलाने के नाम पर जुटाए गए फंड का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में करने का दोषी पाया गया है। लखवी को 15 साल की सज़ा सुनाए जाने के साथ साथ तीनों  मामलों में एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अगर लखवी जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करता है तो उसे हर मामले में 6 महीने अतिरिक्त सज़ा काटनी होगी।  

लखवी को बीते शनिवार पाकिस्तान के आतंकवादी निरोधक विभाग ने गिरफ्तार किया था। जिस पर भारत ने कहा था कि वो इस केस पर नज़र बना कर रखेगा। दरअसल लखवी 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमले के साजिशकर्ताओं में से एक है। उसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी भी घोषित किया जा चुका है। 

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लखवी के अलावा मुंबई हमले के एक और साजिशकर्ता मसूद अज़हर के खिलाफ गुरूवार को पाकिस्तान की एक अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मसूद अज़हर आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का प्रमुख है। अज़हर संसद हमले का भी आरोपी है। फरवरी 2019 में हुए  पुलवामा हमले की भी ज़िम्मेदारी उसके संगठन ने ली थी। लखवी की ही तरह अज़हर भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित किया जा चुका है।