मध्य प्रदेश में भी मुद्दों को भटकाने की कोशिश करेगी बीजेपी, हम जनहित के मुद्दों पर चुनाव लडेंगे: पवन खेड़ा

में जो वादे हुए हैं, वे लोगों के मन की बात है। भारत जोड़ो यात्रा में संवाद के आधार पर है। ऐसा कोई वादा नहीं है, जिसे पूरा नहीं किया जा सके: सुप्रिया श्रीनेत

Updated: May 23, 2023, 07:01 PM IST

भोपाल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के सीनियर पदाधिकारी मंगलवार को भोपाल दौरे पर थे। इस दौरान AICC के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा और सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने पीसीसी मुख्यालय में ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। कांग्रेस नेताओं ने अपने संबोधन के दौरान नारी सम्मान योजना, किसान कार्जमाफी और ओल्ड पेंशन स्कीम जैसे वादों पर जोर दिया।

पवन खेड़ा ने कहा कि, 'भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने हजारों लोगों से संवाद किया। उसमें जो मुद्दे निकलकर आए हैं, हम उन्हें पूरा करेंगे। बीजेपी को चुनौती है कि उन मुद्दों पर चुनाव लड़कर दिखाएं, लेकिन बीजेपी मुद्दों पर चुनाव लड़ना नहीं चाहती। कर्नाटक में हमने मुद्दों पर चुनाव लड़ा। कर्नाटक की तरह ही मध्य प्रदेश में भी बीजेपी मुद्दों से भटककर चुनाव लड़ने की कोशिश करेगी। वह ऐसे मुद्दे लाएगी जिससे लोग लड़ जाएं। बीजेपी के पास बताने को कुछ नहीं, लेकिन छिपाने के लिए बहुत कुछ है। कांग्रेस के प्रचार की तस्वीर धीरे-धीरे स्पष्ट हो जाएगी।'

पवन खेड़ा ने कहा कि, 'राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही 100 यूनिट बिजली फ्री दिया जाएगा। महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए दिए जाएंगे। महज 500 रुपए में सिलेंडर मिलेगा। शासकीय कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करेंगे।' ओल्ड पेंशन स्कीम से होने वाले कथित राजकोषीय घाटे के सवाल पर सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि, 'हमने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी है। जनता जो चाहती है उसे पूरा करना ही सरकार का धर्म है। जनहित के मुद्दों से महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है।'

सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि, 'कर्नाटका की जीत ने कुछ चीजें साफ कर दी। जनता बिना संशय के राजनीतिज्ञों से, राजनीतिक दलों से, प्रधानमंत्री, विपक्ष से साफ कह रही है कि हमारे मुद्दों की बात करेगें तो वोट देकर सरकार में बैठायेंगे, इधर-उधर की बात करेंगे तो विपक्ष में बैठायेंगे। कर्नाटक ने यह बात पूरी तरह से साफ कर दी है। देश सब कुछ सह सकता है, लेकिन अहंकार नहीं सहन करता और यदि यह अहंकार देश का प्रधानमंत्री ही दिखाने लगे तो देश की जनता कतई सहन नहीं करेगी। कर्नाटक ने ये साफ तौर पर दिखाया है।'