CAG रिपोर्ट में MP के कई विभागों में बड़े घोटाले उजागर, गलत फैसले के कारण हुआ 1400 करोड़ का नुकसान

कैग की 2021 की रिपोर्ट में भारी वित्तीय अनियमितताएं सामने आई है। पीएम आवास योजना से लेकर पुल निर्माण तक में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुए हैं।

Updated: Feb 10, 2024, 03:29 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश के कई विभागों में अरबों रुपए के हेराफेरी के मामले सामने आए हैं। इस रिपोर्ट को कैग ने बीते साल 2023 के मार्च माह में पेश किया था। कैग रिपोर्ट में पर्यावरण संबंधी कार्यों, मध्य प्रदेश पीडब्ल्यूडी विभाग, ऊर्जा और उद्योग विभाग में हुए काम में भ्रष्टाचार की बात कही गई है।

कैग ने ये रिपोर्ट वित्त वर्ष 2021 के लिए जारी की है। इसके मुताबिक, कई कामों को करने में गलत फैसले लिए गए। कोयले के कम उत्पादन और रॉयल्टी वसूली में कमी की गई। इससे सरकार को 1400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इंजीनियरों ने सड़क की गुणवत्ता को लेकर पीडब्ल्यूडी में गलत रिपोर्ट पेश की। 

इसमें यह भी कहा गया है कि सड़क निर्माण में शामिल ठेकेदारों को समय पर भुगतान करने के नियमों का पालन नहीं किया गया। इसकी वजह से राजकोष पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ा। सड़कों का चयन में अनियमितता बरती गई। सड़क निर्माण के दौरान जरुरी स्पेसीफिकेशन और नियमावली का पालन नहीं किया और सड़क निर्माण की निगरानी तय मानदंडों के मुताबिक नहीं हुई। जिम्मेदार लोगों ने कागजों में इसको गलत तरीके लोक निर्माण विभाग के सामने पेश किया।

CAG की रिपोर्ट के मुताबिक संबंधितों ने अनुचित और अपात्र गतिविधियों पर फंड का पैसा खर्च किया। विभाग की पूरी निगरानी में ढिलाई बरती गई। इसका रिजल्ट ये रहा है कि कैंपा निधि के फंड को संदिग्ध जगहों पर खर्च किए गए। इसके रख रखाव और खरीद-फरोख्त में कई कमियां उजागर हुई हैं। इसके लिए वन विभाग ने गलत ढंग से अपात्र गतिविधियों में 50 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएचई विभाग में फर्जी सिक्योरिटी डिपोजिट से ठेकेदारों को अवैध ढंग से फायदा पहुंचाया गया है।

इसी तरह कैग रिपोर्ट में वन विभाग में भी बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जंगलों की स्थिति में सुधार के लिए कैंपा फंड में भी बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई। रिपोर्ट में इसकी वजह बताते हुए कहा गया है कि कैंपा निधि से जिन प्रोजेक्ट पर काम किया गया, उसमें भारी विसंगतियां की गई है। इसकी वजह से पौधारोपण के काम देरी हुई। इन कामों की विस्तृत रिपोर्ट में भी कई खामियां बरती गई। पौधारोपण के समय के गलत जगह का चयन किया गया।