MP Politics: राज्यपाल से मिले मुख्यमंत्री शिवराज, मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज
उपचुनाव में 19 सीटें जीतने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर के जरिए यह जानकारी दी है। उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से हुई मुलाकात को सौजन्य भेंट बताया है।
राज्यपाल महोदया श्रीमती @anandibenpatel जी से राजभवन पहुंचकर भेंट की और उपचुनाव में मिली सफलता एवं जनादेश से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 11, 2020
मैं उनकी अमूल्य शुभेच्छाओं के लिए हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं। pic.twitter.com/vmRyIt1Fjr
उपचुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल की मुलाकात से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज़ हो गई हैं। उपचुनाव में जीत के बाद अब चुनाव से पहले मंत्रीपद से इस्तीफा देने वाले सिंधिया खेमे के कैबिनेट मंत्रियों को भी दोबारा मंत्री बनाना होगा। जो तीन मंत्री चुनाव हार गए है, उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
गौरतलब है कि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल 8 नवंबर से मध्य प्रदेश में थीं। वे बुधवार 11 नवंबर को लखनऊ जाने वाली हैं। जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार दीपावली के बाद ही संभव होगा।
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कैबिनेट में जगह पाने के लिए बीजेपी नेताओं ने दावेदारी शुरु कर दी है। विंध्य और महाकौशल के दिग्गज नेता अपनी-अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं। रीवा के देवतालाब से विधायक गिरीश गौतम ने हाल ही में कहा है कि मंत्रिमंडल में विंध्य को तवज्जो मिलनी चाहिए। मंत्री बनने के लिए कई विधायक सक्रिय होते नजर आ रहे हैं।
सिंधिया समर्थकों के साथ-साथ शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में मंत्री रहे चुके अजय विश्नोई, राजेंद्र शुक्ला, रामपाल सिंह, गौरीशंकर बिसेन, संजय पाठक, नागेंद्र सिंह, रमेश मेंदोला भी हैं। पिछले कैबिनेट विस्तार में अब तक सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले विधायक रमेश मेंदोला को मंत्री नहीं बनाए जाने से उनके समर्थक खासे नाराज़ थे, एक कार्यकर्ता ने तो खुद को आग लगाकर जान देने की कोशिश भी की थी।