चुनाव हारे हैं, हिम्मत नहीं: लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत से उतरेगी कांग्रेस, प्रदेशभर में दौरा करेंगे कमलनाथ
भोपाल में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों की समीक्षा बैठक संपन्न, कमलनाथ ने सभी प्रत्याशियों से चुनाव और संगठन को लेकर अलग-अलग दो रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौरा जारी है। इसके साथ ही कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी नेताओं का कहना है कि हम चुनाव हारे हैं, हिम्मत नहीं। मंगलवार को पीसीसी चीफ कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय ने पार्टी के सभी प्रत्याशियों के साथ बैठक कर चुनाव नतीजों में हार/जीत के कारणों और आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की।
इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम इस चुनाव में हार गये हैं। लेकिन मुझे याद है कि हम 1977 में इससे भी बुरी तरह से हारे थे। उस समय इंदिरा गांधी और संजय गांधी जैसे देश के हमारे शीर्ष नेता भी चुनाव हारे थे। पूरा माहौल कांग्रेस के खिलाफ लगता था, लेकिन हम सभी एकजुट हुये और मैदान में आये। तीन साल बाद हुये चुनाव में 300 से अधिक सीटों के साथ इंदिरा गांधी जी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी, इसी तरह हमें 4 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाना है और पूरी ताकत के साथ अपनी सरकार बनाना है।
कमलनाथ ने आगे कहा कि सभी प्रत्याशी और विधायक अपने चुनाव की पूरी समीक्षा करें, इसका वैज्ञानिक ढंग से विश्लेषण करें कि वे क्यों हारे या क्यों जीते। उन्होंने सभी प्रत्याशियों से अगले दस दिन के अंदर दो अलग-अलग रिपोर्ट उनके पास भेजने हेतु कहा। एक रिपोर्ट में चुनाव का विश्लेषण और दूसरी रिपोर्ट में संगठन की समीक्षा गुप्त रूप से भेजी जाये। उन्होंने कहा कि वे अतिशीघ्र पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे और लोकसभा चुनाव की तैयारी में पूरी पार्टी जुट जायेगी।
आज मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय भोपाल में कांग्रेस पार्टी के जीते हुए विधायक एवं समस्त प्रत्याशियों के साथ समीक्षा बैठक की। प्रत्याशियों और विधायकों ने जो प्राथमिक रिपोर्ट दी है, उस पर गंभीरता से चिंतन करने की आवश्यकता है और शीघ्र ही सभी प्रत्याशी विस्तृत रिपोर्ट मुझे… pic.twitter.com/hoh0QPuhTj
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 5, 2023
कमलनाथ ने प्रत्याशियों और विधायकों से बैठक में अपना चुनाव अनुभव रखने को भी। ज्यादातर जीते हुये विधायकों और प्रत्याशियों ने अपने जो अनुभव साझा किये उसमें मुख्य बातें निकलकर सामने आयीं।
1. जहां कांग्रेस पार्टी बडे़ अंतर से पराजित हुई है, वहां 100 से अधिक ईव्हीएम मशीनें मतगणना के समय 99 प्रतिशत तक चार्ज मिली। जबकि मतदान के दौरान 10 घंटे से ज्यादा इनका उपयोग हो चुका था। इसका आशय हुआ कि मतगणना की प्रक्रिया के दौरान इन मशीनों का बिल्कुल उपयोग नहीं हुआ, जो कि किसी भी सूरत में संभव नहीं है। इससे इस बात का शक होता है कि या तो ईव्हीएम बदलीं गई या उनके साथ छेड़छाड़ की गई।
2. प्रत्याशियों ने बताया कि औसतन 100 ईव्हीएम मशीने या 20 हजार वोट से छेड़छाड़ का गंभीर मामला दिखाई देता है।
3. जब पोस्टल वोट में कांग्रेस को प्रचण्ड बहुमत मिल रहा था तो ईव्हीएम मशीन में अचानक से कम हो जाना संदेह पैदा करता है।
4. इस हेरफेर से भाजपा ने जब ज्यादातर सीटों पर अपनी बढ़त हासिल कर ली, तो प्रशासन पर दबाव बनाकर मतगणना के आखिरी पांच राउंड में कम अंतर से पीछे चल रहे या आगे चल रहे कांग्रेस के प्रत्याशियों को हारा हुआ घोषित कर दिया गया।
5. सभी प्रत्याशियों ने कहा कि मप्र की जनता ने कमलनाथ जी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है और प्रत्याशियों को भी कमलनाथ जी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, अब असल आवश्यकता इस बात की है कि पूरी तरह संदिग्ध हो चुकी EVM को चुनाव प्रक्रिया से हटाने के लिए कारगर उपाय किये जायें।
6. प्रत्याशियों ने यह भी बताया कि इस बार उन्हें भाजपा के प्रभाव वाले बूथों पर पहले की तुलना में ज्यादा वोट मिले, जबकि उनके सबसे मजबूत बूथों पर उनके वोट अप्रत्याशित रूप से नीचे आए।
कांग्रेस प्रत्याशियों के विचार सुनने के बाद कमलनाथ ने कहा कि सभी प्रत्याशी विस्तार से और तथ्यों के साथ अपनी रिपोर्ट उन्हें भेजें। ईवीएम को लेकर उन्हें भी बहुत सी शिकायतें मिली हैं। इस मुद्दे को वह राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष दिल्ली की बैठकों में उठायेंगे और इस विषय पर संपूर्ण रूप से गहन अध्ययन कर समाधान करने का रास्ता निकालेंगे। कमलनाथ ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस प्रत्याशियों को अपनी अन्य कमियों को नहीं देखना है। हमें अपने एक-एक कमी को दूर करके लोकसभा चुनाव में उतरना है और कांग्रेस पार्टी को विजयी बनाना है।