चिट फंड कंपनी के डायरेक्टर ने माता -पिता और भाई संग की आत्महत्या, 17 लाख रुपए के गबन का था आरोप
नागपुर जिले के मोवाड गांव में मातृ सेवा इंडिया नीति लिमिटेड चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर गणेश पचौरी, उनके माता-पिता और छोटे भाई के शव घर में फंदे से लटके मिले। गणेश पर 17 लाख रुपए के गबन का आरोप था और वह हाल ही में जमानत पर बाहर आया था।
नागपुर जिले के मोवाड गांव में मातृ सेवा इंडिया नीति लिमिटेड चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर गणेश पचौरी, उनके माता-पिता और छोटे भाई के शव घर में फंदे से लटके मिले। गणेश के माता-पिता और भाई के हाथ बंधे हुए थे, जबकि गणेश के हाथ खुले थे। गणेश पर 17 लाख रुपए के गबन का आरोप था और वह हाल ही में जमानत पर बाहर आया था।
पुलिस को गणेश की जेब से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें सभी परिवार के सदस्यों के हस्ताक्षर थे। सुसाइड नोट में लिखा गया है कि गणेश पचौरी पांढुर्णा में दर्ज गबन के मामले के तनाव में था। वहीं पुलीस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए नागपुर मेडिकल कॉलेज भेज दिया।
पांढुर्णा थाने में तैनात उप निरीक्षक लखन भीमते ने बताया कि पांढुर्णा पुलिस थाने के सामने स्थित शर्मा कॉम्प्लेक्स में मातृ सेवा इंडिया नीति लिमिटेड संस्था का संचालन गणेश पचौरी द्वारा 22 मार्च 2023 से किया जा रहा था। गबन के मामले के उजागर होने के बाद संस्था पर ताला लगा दिया गया था।
14 फरवरी 2024 को गणेश पचौरी और संस्था के तीन अन्य कर्मचारियों के खिलाफ 17 लाख रुपए के गबन का मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद गणेश को छिंदवाड़ा जेल भेज दिया गया था। हाल ही में वह जमानत पर रिहा होकर अपने गांव मोवाड, महाराष्ट्र में रह रहा था।
मातृ सेवा इंडिया निधि लिमिटेड चिटफंड कंपनी ने एफडी और आरडी के नाम पर कई लोगों से लाखों रुपए जमा कराए थे। कंपनी के कर्मचारी रोजाना खातेदारों के घर-घर जाकर पैसे वसूलते थे। कंपनी ने लगभग 17 लाख रुपए का गबन किया, जिसके बाद फरवरी 2024 में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
गणेश पचौरी, जिसने एमबीए किया था, पहले महाराष्ट्र के पुणे में नौकरी करता था। कुछ वर्षों बाद वह पांढुर्णा आया और मातृ सेवा इंडिया नीति लिमिटेड संस्था की शुरुआत की। गणेश के पिता एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि गणेश ने अपनी पत्नी के साथ भी पैसों के लेन-देन में धोखाधड़ी की थी, जिससे वह उसे छोड़कर चली गई।