उज्जैन में निरंजनी अखाड़े की पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी गिरफ्तार, उपाधि के लिए संत से रिश्वत लेने का मामला

निरंजनी अखाड़े के ही महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने आरोप लगाया था कि मंदाकिनी पुरी ने महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने के एवज में साढ़े सात लाख रुपए लिए थे।

Updated: May 14, 2024, 04:16 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन की महिला संत मंदाकिनी पुरी को धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मंदाकिनी को आचार्य महा मंडलेश्वर बनाने के नाम पर लाखों की ठगी करने के मामले में पुलिस ने ये कार्रवाई की है। मंदाकिनी पुरी को इसी ठगी का मामला सामने आने के बाद निरंजनी अखाड़े से निष्‍कासित कर दिया गया था। 

दरअसल, निरंजनी अखाड़े के ही महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने आरोप लगाया था कि मंदाकिनी पुरी ने महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने के एवज में साढ़े सात लाख रुपए लिए थे। उन्होंने 6 मई की रात उज्जैन के चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था, ‘महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने की बात कही थी। इसके एवज में 15 अप्रैल 2024 को मैंने मंदाकिनी को साढ़े सात लाख रुपए दिए थे। 

बकौल सुरेश्वरानंद पुरी उन्होंने जब अखाड़ा मुख्यालय में संपर्क किया तो बताया गया कि रुपए लेकर उपाधि नहीं दी जाती। इसके बाद उन्होंने रकम वापस मांगी लेकिन मंदाकिनी ने रुपए देने से मना कर दिया। इसके बाद 10 मई को जयपुर के महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने महाकाल थाने में FIR कराई थी। उनका कहना था कि मंदाकिनी ने आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 8 लाख 90 हजार रुपए लिए थे।

उपाधि दिलाने के लिए पैसे लेने के मामले सामने आने पर मंदाकिनी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने 7 मई की सुबह 11 बजे कीटनाशक पी लिया था। मंदाकिनी जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थीं। अस्पताल में वे किसी को पहचान नहीं पा रही थीं। इस कारण पुलिस उनके बयान नहीं ले सकी थी। अब अस्पताल से छुट्टी मिलते ही पुलिस मंदाकिनी को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है।