रीवा। रीवा के रहने वाले एक बुज़ुर्ग व्यक्ति ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। बुज़ुर्ग व्यक्ति का कहना है कि पुलिस द्वारा धमकाए जाने के कारण उनका नाती घर नहीं आया और कोरोना से संक्रमित होने के कारण उसकी मौत हो गई। बुज़ुर्ग व्यक्ति ने अपने नाती की मौत का ज़िम्मेदार पुलिस महकमे और पुलिस द्वारा दी जाने वाली प्रताड़ना को ठहराया है। 

यह मामला रीवा के सिरमौर थाने के अंतर्गत आने वाले शाहपुर क्योटो का है। 68 वर्षीय रामानुज पांडेय का अपने ही पारिवारिक लोगों से काफी समय से ज़मीन को लेकर विवाद चल रहा था। फरवरी महीने में परिवार के कृष्णदत्त पांडे सहित अन्य सदस्यों ने आकर मारपीट की। मारपीट करने के बाद आरोपियों ने खुद ही सिरमौर थाने में जाकर बुज़ुर्ग व्यक्ति और उनके मृतक नाती के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दायर करवा दिया। पीड़ित रामानुज पांडेय का आरोप है कि सिरमौर थाना प्रभारी बीआर सिंह और मुंशी भागवत मिश्रा ने मारपीट करने वाले लोगों के साथ मिलीभगत कर के उनके और उनके नाती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।    

बुज़ुर्ग व्यक्ति का कहना है कि उनकी पत्नी बीमार रहती हैं, इसलिए वे गाँव में रहकर ही खेती किसानी करते हैं। जबकि उनके बच्चे भोपाल और रीवा में रहते हैं। बुज़ुर्ग व्यक्ति का नाती भी जबलपुर में रहकर पॉलिटेक्निक की पढ़ाई कर रहा था। पीड़ित रामानुज पांडे ने सिरमौर थाने के मुंशी भागवत मिश्रा पर उनके नाती को धमकाने का आरोप लगाया है। रामानुज पांडेय के मुताबिक भागवत मिश्रा उनके नाती को फोन कर धमकाते रहते थे। इसलिए उनका नाती गांव नहीं आता था।  

रामानुज पांडेय ने कहा कि मार्च महीने में लॉकडाउन लगने के कारण उनका नाती शुभम पांडेय उर्फ़ प्रकाश पांडेय रीवा स्थित उनके गाँव नहीं आ पाया। इसी बीच वह कोरोना से संक्रमित हो गया। बुज़ुर्ग व्यक्ति ने कहा कि कोरोना होने के बाद उनका नाती किसी तरह से 11 मई को रीवा पहुंचा। जिसके बाद उसे रीवा के एमजीएमएच अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन 30 मई को उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पीड़ित रामानुज पांडेय का कहना है कि अगर उनके नाती को धमकाया नहीं जाता तो वो गाँव आता। तब न तो वो कोरोना से संक्रमित होता और न ही कोरोना के कारण उसकी जान गई होती। रामानुज  पांडेय ने इस पूरे मामले की शिकायत रीवा के पुलिस अधीक्षक से की है। उन्होंने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र भी सौंपा है।