मंदसौर में नहीं हो रही बारिश तो गधे को खिलाया गुलाबजामुन, मेढ़क को भी कराया नगर का भ्रमण 

पूरे प्रदेश भारी बारिश हो रही है। कई जिले तो हाई अलर्ट पर हैं। मगर मंदसौर में नहीं हो रही है, नदी नाले सूखने के कगार पर हैं।

Publish: Aug 20, 2023, 05:11 PM IST

मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर से अनोखा मामला सामने आया है। यहां गधों को गुलाबजामुन खिलाया जा रहा है साथ ही इलाके में की महिलाएं मिट्टी के बने मेढ़क को सर में रख कर नगर भ्रमण कर रही हैं। 

 जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश भारी बारिश हो रही है। कई जिले तो हाई अलर्ट पर हैं। मगर मंदसौर में नहीं हो रही है, नदी नाले सूखने के कगार पर हैं। कुएं, तालाब, नदी-नाले भी अब तक खाली है। वर्षा की खेंच के कारण बने चिंताजनक हालत के बीच मौसम विभाग ने राहत के संकेत दिए है।

शनिवार को दोपहर बाद कुछ समय के लिए बरसात तो हुई पर वह राहत के लिए पर्याप्त नहीं थी। अभी भी जिले भर में बरसात का इंतजार हैं। तो वहीं मंदसौर निवासी शैलेंद्र गिरी गोस्वामी ने गुरुवार को मुक्तिधाम में काल भैरव के समक्ष तांत्रिक क्रिया करते हुए गधे पर बैठकर भगवान से अंचल में बारिश की कामना की थी। इस पर शनिवार को मंदसौर सहित अंचल में बारिश का दौर शुरु हुआ। गोस्वामी ने पशुपतिनाथ मंदिर गेट पर तांत्रिक क्रिया के तहत गधे को गुलाब जामुन खिलाए।


ऐसा क्यों किया जा रहा है। 

गोस्वामी ने बताया कि अल्प वर्षा की स्थिति में गधे पर बैठकर तांत्रिक क्रिया के माध्यम से भगवान को प्रसन्न करने की परंपरा वर्षों पुरानी है। इसके चलते उनके द्वारा भी आमजन के हित में यह क्रिया की गई। जिस पर बारिश होने पर उन्होंने जिस गधे पर बैठकर तांत्रिक क्रिया की थी उसी गधे को प्रसन्न होकर गुलाब जामुन खिलाए। ग्राम में महिलाओं ने मिट्टी से बनाए मेंढक को महिला के सिर पर रखा।

महिलाएं मंगल गीत गाते हुए मेंढक को नगर भ्रमण कराया। घर-घर इन महिलाओं का अन्य महिलाओं ने स्वागत किया। साथ ही मेंढक को सर पर उठाए युवती पर बारी-बारी से सभी ने पानी डाला। इंद्रदेव से बारिश की कामना महिलाएं करती रही। महिलाओं ने बताया की यह परंपरा पूर्वजों के समय से चली आ रही है। बारिश नहीं होने यह टोटका किया जाता है।