जबलपुर। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा द्वारा सीएम चौहान के खिलाफ दायर मानहानि मामले की कोर्ट में पैरवी करने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल शनिवार को जबलपुर पहुंचे। यहां पत्रकारों से बात करते हुए सिब्बल ने कहा कि देश के कानून मंत्री को लॉ की समझ नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें कानून का ज्ञान होता तो वे कॉलेजियम सिस्टम सहित जजो की मंशा पर सवाल उठाने वाले बयान नहीं देते।

जबलपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान सिब्बल ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पीछे कौन है, ये सभी लोग जानते हैं। कॉलेजियम सिस्टम के विरुद्ध रिजिजू खुद नहीं बोल रहे, बल्की उनसे ऐसा बुलवाया जा रहा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार के खिलाफ नया मोर्चा बनाने की ज़रुरत बताई है। उन्होंने कहा कि वो किसी व्यक्ति विशेष के समर्थन में नहीं हैं लेकिन ये ज़रुर मानते हैं कि विपक्षी दलों को एक सोच के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए।

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कपिल सिब्बल ने विपक्षी दलों का, एक कॉमन एजेंडा बनाने की भी वकालत की और कहा कि वो व्यक्तिगत रूप से नया संयुक्त मोर्चा बनवाने के प्रयास करेंगे। सिब्बल ने ये भी भरोसा जताया कि आगामी आम चुनाव से पहले देश में मोदी सरकार के खिलाफ नया मोर्चा बन जाएगा। भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरने पर सिब्बल ने कहा कि अगर उनकी जगह कोई और होता तो जनवरी माह में ही गिरफ्तार कर लिया जाता। 

सिब्बल ने कहा कि सरकार ने महिला पहलवानों के आरोपों पर कार्रवाई तो नहीं की लेकिन विरोध कर रहे पहलवानों के धरना स्थल की लाईट-बिजली ज़रुर काट दी गई। उन्होंने कहा कि महिला पहलवानों की याचिका पर अगले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होनी है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। 

हेट स्पीच को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करने के निर्देश तो दिए हैं लेकिन सरकारें ऐसा करेंगी ये कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जब सरकारों के मंत्री ही हेट स्पीच दे रहे हैं तो वो कैसे स्वतः संज्ञान लिया जाएगा? सिब्बल ने कहा कि हेट स्पीच से दो समुदायों को आपस में बांटने का काम चल रहा है और सरकारें इसका राजनैतिक फायदा उठा रही हैं।

सिब्बल ने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं में गिरावट आ चुकी है और ऐसा ही चलता रहा तो भारत में लोकतंत्र का बचा रहना मुश्किल है। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांगों पर सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को ऐसी मांग उठाने वालों को देखना चाहिए क्योंकि देश संविधान से चलता है। कपिल सिब्बल ने कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार का दावा किया। सिब्बल ने इस दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि वे कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके हैं, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हुए हैं।