भारी विरोध के बाद बीजेपी ने हटाई कार्यसमिति की सूची, अपने नेताओं के नाम के आगे लिख दी थी जाति
मंगलवार देर शाम बीजेपी ने अपनी कार्यसमिति की सूची जारी की थी, इतिहास में पहली बार कार्यसमिति में शामिल नेताओं की जाति बताई गई, लेकिन पार्टी ने अपनी सूची में नेताओं के नाम के आगे उनकी जाति तक गलत लिख दी थी

भोपाल। मंगलवार शाम से लेकर देर रात तक मध्यप्रदेश बीजेपी में अफरातफरी का माहौल रहा। मंगलवार को बीजेपी को अपनी कार्यसमिति जारी करना ही भारी पड़ गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया के मध्यप्रदेश आगमन से पहले बीजेपी ने अपनी कार्यसमिति की सूची जारी की। लेकिन इस सूची में पार्टी ने अपने नेताओं के नाम के आगे उनकी जाति तक लिख दी। जिसके बाद इस सूची को लेकर बीजेपी का भारी विरोध होने लगा।
कांग्रेस पार्टी सहित सोशल मीडिया पर लोग बीजेपी के इस कदम की जमकर आलोचना करने लगे। इससे पहले कि बीजेपी के ऊपर जातिवादी पार्टी होने की और तोहमतें लगती, पार्टी ने फौरन ही अपनी सूची हटा दी। डैमेज कंट्रोल करने के लिए देर रात बारह बजे के बाद एक संशोधित सूची भी बीजेपी की ओर से जारी कर दी गई, जिसमें नेताओं के नाम के आगे से उनकी जाति हटा दी गई। बीजेपी नेताओं ने पहले जारी की हुई सूची को लेकर कहा कि वह त्रुटिवश जारी हो गई थी।
लेकिन बीजेपी नेताओं की सफाई ज़्यादा असर नहीं कर पाई। जब तक सूची में संशोधन किया जाता, तब तक बीजेपी जमकर आलोचनाओं का शिकार हो चुकी थी। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने बीजेपी की कार्यसमिति की सूची को लेकर कहा, 'मध्यप्रदेश भाजपा की देर रात अंधेरे में घोषित कार्यकारिणी में नामों के आगे पहली बार जाति-वर्ग का उल्लेख ?लोगों को जाति-वर्ग के आधार पर बाटने की कोशिश..?162 कार्यसमिति सदस्य , 218 विशेष आमंत्रित सदस्य ,23 स्थायी आमंत्रित सदस्यों की भारी भरकम सूची में भी उमा भारती का नाम नदारद ?'
मध्यप्रदेश भाजपा की देर रात अंधेरे में घोषित कार्यकारिणी में नामों के आगे पहली बार जाति-वर्ग का उल्लेख ?
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) June 8, 2021
लोगों को जाति-वर्ग के आधार पर बाटने की कोशिश..?
162 कार्यसमिति सदस्य , 218 विशेष आमंत्रित सदस्य ,23 स्थायी आमंत्रित सदस्यों की भारी भरकम सूची में भी उमा भारती का नाम नदारद ?
कांग्रेस प्रवक्ता ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अच्छा हुआ भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियो की सूची के आगे से जाति का कालम हटा दिया , नहीं तो आज तो वो -“ भारतीय जाति पार्टी “बन गयी थी....?'
हालांकि बीजेपी ने अपनी कार्यसमिति की सूची में नेताओं के नाम के आगे सामने उनकी जाति भी गलत लिख रही थी। उदाहरण के तौर पर सूची में कैलाश विजयवर्गीय को ब्राह्मण बता दिया गया, जबकि विजयवर्गीय वैश्य समाज से ताल्लुक रखते हैं। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जाति भी गलत लिख दी गई थी। बीजेपी ने अपने स्थाई आमंत्रित सदस्यों में शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय, सुमित्रा महाजन, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर सहित कुल 23 नेताओं को शामिल किया है।
भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी -
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) June 8, 2021
शिवराज जी की जाति - धाकड
कैलाश विजयवर्गीय - ब्राह्मण
ज्योतिरदित्य सिंधिया - राजपूत
भाजपा संगठन को अपने नेताओ की जाति ही नहीं पता ?
जाति सूचक सूची हटाए जाने के बाद बीजेपी की मुश्किलों कम नहीं हुई है। सिंधिया के मध्यप्रदेश दौरे से पहले कार्यसमिति में सिंधिया समर्थकों को जगह ज़रूर दी गई है, लेकिन कई बड़े नेताओं को बीजेपी ने अपनी कार्यसमिति में जगह नहीं दी है। प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल किए गए 23 स्थाई आमंत्रित सदस्यों में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को शामिल नहीं किया गया है। वहीं गोपाल भार्गव को भी कार्यसमिति में शामिल किया गया है जबकि शिवराज के समर्थक कहे जाने वाले भूपेंद्र सिंह का नाम शामिल नहीं है। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि बीजेपी ने अपनी कार्यसमिति में शिवराज के सभी विरोधियों को शामिल कर लिया है।