MP: भोपाल में तेजी से बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, 8 दिन में आए 32 केस, विशेषज्ञों ने दिए सुझाव जानें
इस साल जुलाई में डेंगू के 60 मामले सामने आए। वहीं अगस्त के पहले सप्ताह में ही 32 मामले सामने आ चुके हैं। ये मामले केवल सरकारी लैब के जरिए रिपोर्ट किए गए हैं।
भोपाल। मानसून के आते ही एक बार फिर डेंगू अपने पैर पसार रहा है। भोपाल में तो चल रहे निर्माण कार्य और अधूरे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के बीच डेंगू के संभावित प्रकोप ने लोगों को डरा दिया है। जानकारी के अनुसार इस साल जुलाई में डेंगू के 60 मामले सामने आए। वहीं अगस्त के पहले सप्ताह में ही 32 मामले सामने आ चुके हैं। ये मामले केवल सरकारी लैब के जरिए रिपोर्ट किए गए हैं।
वही सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कंस्ट्रक्शन वाले लोकेशन मच्छरों के लार्वा के लिए प्रजनन स्थल बन गए हैं। जिला मलेरिया कार्यालय इसके लिए तैयार भी नहीं लग रही है। तैयारियों की यह कमी बीमारियों से निपटने के लिए बड़े अंतर को उजागर कर रही है। यह मुद्दा हाल ही में लार्विसाइड प्रजनन के लिए अनुकूल मौसम की स्थिति से और भी बत्तर हो गई है।
वही हाल ही में डेंगू के चार नए मामले सामने आए हैं। शहर में पहले से ही डेंगू के कुछ हॉटस्पॉट हैं, जिनमें कोलार, नीलबड़, नर्मदापुरम रोड, कटारा और अरेरा कॉलोनी का नाम शामिल है। इन स्थानों पर हाल के दिनों में महत्वपूर्ण निर्माण गतिविधि देखी गई हैं, जिनमें से कई अधूरे हैं या देरी से चल रहे हैं। नतीजतन, निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे मच्छरों के प्रजनन स्थल में तब्दील हो गए हैं।
वही इस मामले पर विशेषज्ञों का सुझाव है कि डेंगू और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों को खत्म करने के लिए एक व्यापक योजना की आवश्यकता है। बीएमसी और स्वास्थ्य विभाग दोनों से ठोस प्रयासों की उम्मीद हैं। डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि को रोकने के लिए जागरूकता के साथ अभियान चलाने की जरूरत है। वहीं लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।