बदनावर में कांग्रेस नेता राकेश चौधरी को बिना कारण बताए ले जा रही थी पुलिस, कार्यकर्ताओं के दबाव में छोड़ा

राकेश चौधरी को बिना कारण बताए उठाकर ले जा रही पुलिस का कार्यकर्ताओं ने किया पीछा, बार-बार पूछने पर भी पुलिस अफसर नहीं बता पाए हिरासत में लेने का कारण, आखिरकार वापस घर पहुंचाया

Updated: Oct 29, 2020, 02:20 AM IST

बदनावर। बदनावर विधानसभा में पुलिस ने कांग्रेस के एक स्थानीय नेता राकेश चौधरी को बिना कारण ही पकड़ लिया। पुलिस उन्हें अपनी गाड़ी में बिठाकर ले जा रही थी। लेकिन जैसे ही कार्यकर्ताओं को राकेश चौधरी की गिरफ्तारी की खबर मिली, उन्होंने पुलिस की गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया और रास्ते में ही पुलिस की गाड़ी को रोक लिया। इसके बाद स्थानीय कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ काफी बहस हुई। कांग्रेस कार्यकर्ता बार-बार पूछ रहे थे कि आखिर राकेश चौधरी को वे क्यों और कहां ले जा रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस अधिकारियों के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं था। वे यह बता ही नहीं पा रहे थे कि आखिर उन्होंने राकेश चौधरी को क्यों पकड़ा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ हो रही बहस के दौरान पुलिस अफसर लगातार सवालों से बचते नज़र आए। 

कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने पुलिस से ये भी कहा कि अगर वे राकेश चौधरी को ले जाना चाहते हैं तो साथ में उन्हें भी ले जाना होगा। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी लगातार चुप्पी साधे खड़े रहे। पुलिस अधिकारियों के पास राकेश चौधरी को गिरफ्तार कर ले जाने का कोई कारण नहीं था। कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने कहा कि हमें शक है कि आप राकेश चौधरी को यहां से ले जाकर किसी झूठे केस में फंसा देंगे। गिरफ्तारी का कारण बताइए वरना हमारे नेता को घर छोड़कर आइए। इसके बाद राकेश चौधरी को जिस पुलिस के वाहन में थाने ले जाया जा रहा था उसी वाहन से चौधरी को सकुशल घर पहुंचाया गया। लेकिन पुलिस अधिकारी तब भी राकेश चौधरी की गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं गिना पाए। 

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पूरे घटनाक्रम से साफ ज़ाहिर होता है कि पुलिस राकेश चौधरी को एक सोची समझी साजिश की तहत ही उठाकर ले जा रही थी। वरना पुलिस अधिकारी उन्हें वापस पहुंचाने की जगह गिरफ्तारी का कारण बताकर अपने साथ ले जाते। गौरतलब है कि इंदौर के एक कांग्रेस कार्यकर्ता को भी हत्या की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि उनके कार्यकर्ता ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का साथ देने इनकार कर दिया था, जिसके बाद ही उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है।