आदिवासी जैविक खेती योजना में करोड़ों का घोटाला, दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रपति से की जांच कराने की मांग

किसी भी जाति, समाज के किसान का नाम लिखकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर आदिवासी किसानों के नाम जैविक खेती मद की राशि आहरित कर ली: दिग्विजय सिंह

Updated: Sep 18, 2023, 11:42 AM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है। कांग्रेस का दावा है कि शिवराज सरकार में 225 बड़े घोटाले हुए हैं। इसी बीच पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अब एक नए घोटाले का उल्लेख किया है। सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर बताया कि मध्य प्रदेश में आदिवासी जैविक खेती योजना में करोड़ों का घोटाला हुआ है। पूर्व सीएम ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इसकी जांच कराने की मांग की है।

राष्ट्रपति मुर्मू को संबोधित पत्र में सिंह ने भोपाल के साकेत नगर निवासी पुनीत टंडन के हवाले से लिखा कि आवेदक ने मध्य प्रदेश के आदिवासी वर्ग के लिये वर्ष 2016-17 में जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा ‘‘आदिवासी जैविक खेती योजना’’ के लिये स्वीकृत 74 करोड़ की राशि में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायत की है। जिस पर राज्य शासन द्वारा कार्रवाई करने की जगह भ्रष्ट अफसरों को बचाने की कोशिश की जा रही है।

पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा कि मध्य प्रदेश के 24 जिलों में आदिवासी हितग्राहियों की फर्जी सूची बनाकर राशि का गबन किया गया है। केंद्र सरकार ने विशेष पिछड़े जनजाति समुदाय के किसानों के लिये 90 करोड़ रूपये तथा अन्य आदिवासी किसानों को जैविक खेती से जोड़ने के लिये 54 करोड़ रूपये आवंटित किये थे। आवेदक द्वारा पूर्व में भी इसकी शिकायत हर स्तर की जा चुकी है। जिस पर कलेक्टर मंडला ने 3 अधिकारियों की जांच समिति गठित करके जांच कराई थी। जांच समिति द्वारा 11 मार्च 2022 को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में बताया कि उपरोक्त शिकायत पर जांच हेतु ग्राम किन्द्र विकासखण्ड मण्डला, जिला मण्डला में हितग्राहियों से चर्चा की और व्यक्तिगत पूछताछ एवं ग्राम का भ्रमण करने पर पाया कि सूची में प्रेषित कृषक ब्राम्हण, तेली, कुर्मी, लोहार आदि जाति के पाये गये। उन्हें किसी भी प्रकार की जैविक सामग्री नही दी गई है।'

पत्र में सिंह ने आगे लिखा, 'आवेदक ने इसी प्रकार प्रदेश के अन्य 23 जिलों में इसी प्रकार ‘‘आदिवासी जैविक खेती योजना’’ के लिये केन्द्र सरकार से स्वीकृत राशि में घोटाला किये जाने की शिकायत की है। मंडला जिले की जांच से पता चलता है कि पूरे प्रदेश में इस योजना के बजट का दुरूपयोग किया गया है। किसी भी जाति, समाज के किसान का नाम लिखकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर आदिवासी किसानों के नाम जैविक खेती मद की राशि आहरित कर ली।'

पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति मुर्मू से मांग करते हुए लिखा है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के वंचित वर्ग के लिये स्वीकृत राशि का गबन करने के प्रकरण की राष्ट्रपति कार्यालय में पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी की देख-रेख में यह जांच कराई जाये। साथ ही फ्रीदोषी अधिकारियों और अन्य सप्लायर्स के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने हेतु संबंधित को समुचित निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।