उमरिया। मध्य प्रदेश के उमरिया में सोमवार को एक बार फिर बाघ के हमले से चरवाहे की मौत हो गई।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ के हमले से बुजुर्ग की मौत के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। घटना की सूचना मिलते ही टाइगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुंच कर जांच में जुड़ गए हैं। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र में गश्त की जा रही है और हाथियों को भी बुलवाकर पूरे जंगल में सर्चिंग कराई जा रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर परिक्षेत्र के मझखेता बीट के आर एफ 359 में भुरकुल हार में राममिलन चौधरी पिता सेमाली चौधरी उम्र लगभग 60 वर्ष ग्राम गाटा जंगल में मवेशी चरा रहा था। तभी बाघ ने हमला कर दिया और चरवाहा की मौत हो गई। शख्स ने मवेशी को बाघ से बचाने की कोशिश की। इस कोशिश में उसकी जान चली गई। 12 साल पहले साल 2011 में इसी तरह बाघ के हमले में उसकी पत्नी की भी मौत हो गई थी।

घटना की सूचना मिलने के बाद मानपुर बफर परिक्षेत्र की टीम के साथ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच में जुट गए और पूरे क्षेत्र में कर्मचारियों से गश्त शुरू कर दी हाथियों को बुलवाकर पूरे क्षेत्र में सर्चिंग कराई जा रही है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सूत्रों की मानें तो 1 जनवरी 2023 से 2 अक्टूबर 2023 तक मानपुर बफर परिक्षेत्र में 5 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। वहीं पूरे टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 13 ग्रामीणों की मौत हुई है, इसके साथ ही लगभग 50 ग्रामीणों को बाघ और वन्य प्राणियों ने घायल भी किया है।

बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 165 बाघ हैं और पूरे क्षेत्र में अन्य वन्य प्राणियों की भी मूवमेंट बनी रहती है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही वन्य प्राणी है। बाघों की संख्या भी इस वर्ष 165 हो गई है। संख्या के कारण बाघ अपने क्षेत्र के साथ-साथ गांव और गांव के आसपास भी दिखाई देते हैं। वहीं ग्रामीण भी मवेशियों को चराते चराते घने जंगलों में चले जाते हैं। जिसके कारण भी है। घटनाएं सामने आती रहती हैं।

मानपुर रेंज अंतर्गत बफर जोन में बाघ द्वारा इंसानों पर हमले बढ़ते जा रहे है। बुजुर्ग की मौत के साथ ही जुलाई से अब तक यह आंकड़ा बढ़कर पांच हो गया है।