गुना में खाद न मिलने से परेशान किसान ने की आत्महत्या, मौत से पहले वीडियो बनाकर खोली थी कालाबाजारी की पोल

मध्य प्रदेश में खाद संकट से जूझ रहे किसान, गुना जिले के बमौरी में खाद न मिलने से परेशान किसान ने खत्म की जीवन लीला, प्रशासन पर बिना पोस्टमार्टम दाह संस्कार कराने का आरोप

Updated: Nov 19, 2024, 11:52 AM IST

गुना। मध्य प्रदेश में खाद संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर खाद की किल्लत उत्पन्न हो गई है। स्थिति ये है कि किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। मजबूर किसान आत्मघाती कदम तक उठाने लगे हैं। गुना से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां खाद नहीं मिलने से परेशान एक किसान ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

घटना गुना जिले की बमोरी तहसील के झागर गांव की है, जहां लगभग 45 वर्षीय किसान भगवत सिंह किरार की रविवार रात मृत्यु हो गई। किरार ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या की। इसके पहले मृतक किसान ने वीडियो बनाकर जिले में खाद वितरण में व्याप्त अनियमितता से लेकर कालाबाजारी तक की पोल खोली थी। साथ ही अफसरों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। 

मौत से ठीक पहले किसान ने वीडियो बनाकर कहा था कि मैं छोटा सा किसान हूं। मेरी सरकार से निवेदन है कि जिसके पास जमीन है जितनी, उतना उसको खाद दिया जाए। मेरे पास कम जमीन है। मुझे एक भी दाना खाद का नहीं मिला। 1350 का मिल रहा है सरकारी रेट लेकिन हमें तीन -तीन हजार का बेचते हैं। तहसीलदार, पटवारी खाद को बेंच रहे हैं। यहां बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। खाद को नियम से बंटवाया जाए।

हालांकि, प्रशासन द्वारा इसे आत्महत्या नहीं कहा जा रहा है। आरोप है कि आनन-फानन में पुलिस, प्रशासन गांव में पहुंचा और बिना पोस्टमार्टम के ही दाह संस्कार कराया गया। कांग्रेस के सीनियर नेता अरुण यादव ने कहा कि डीएपी खाद न मिलने पर ग्राम झागर के किसान भगवत किरार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम कराए आनन फानन में मृतक किसान का दाह संस्कार भी करवा दिया। 

अरुण यादव ने मुताबिक मृतक को लम्बे समय तक लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पाई, इसी के चलते वह अवसाद में आ गए थे और आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। यादव ने पूछा कि आखिर भाजपा सरकार किसानों की चिंता कब करेगी और उनके लिए खाद कब उपलब्ध करवाएगी? क्योंकि किसान खरीफ की फसल एवं सरकार की उदासीनता की वजह से पहले से ही परेशान है अब उसे रबी की फसल से उसे उम्मीद है फिर भी न समय पर खाद है न बिजली। यादव ने किसानों से आत्महत्या जैसा कोई कदम न उठाने की अपील की है।