मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी बनेगा उज्जैन, एक शहर में मिलेगा हर चिकित्सा पद्धति से इलाज
मेडिसिटी का उद्देश्य मरीजों को एक ही स्थान पर सम्पूर्ण और व्यापक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना है।
उज्जैन। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हर संभाग में मेडिसिटी बनाने का वादा किया था। अब प्रदेश की पहली मेडिसिटी बनने जा रही है। उज्जैन को मेडिसिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। गुरुवार को यहां सीएम मोहन यादव ने मेडिसिटी की आधारशिला रखी। साथ ही 592.3 करोड़ रुपए से बनने वाले मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन हुआ।
भूमि पूजन कार्यक्रम में सीएम यादव ने कहा कि यह हमारा एकमात्र ऐसा प्रोजेक्ट है, जहां 13 मंजिल की हाईराइज बिल्डिंग्स बनेंगी। फैकल्टी का रेसिडेंशियल कैम्पस भी यहीं होगा। कोई भी चिकित्सा क्षेत्र की सर्जरी, बीमारी का इलाज यहीं होगा। लोगों को कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी।
सीएम ने कहा कि 55 साल पहले प्रदेश में 5 मेडिकल कॉलेज थे। अब 17 चल रहे हैं। 13 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी हैं। इस हिसाब से 30 मेडिकल कॉलेज एमपी में हैं। पीपीपी मोड पर 12 मेडिकल कॉलेज और बन रहे हैं। 8 सरकारी मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। 5 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज भी जल्द शुरू होंगे।
उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि उज्जैन में बनने वाला मेडिकल कॉलेज 14.97 एकड़ जमीन पर 592.3 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। इसमें 550 बेड की क्षमता वाला अस्पताल होगा। 150 मेडिकल छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान की जाएगी। कॉलेज परिसर में 14 मंजिल हॉस्टल और 6 मंजिल अस्पताल का निर्माण होगा।
मेडिसिटी शब्द “मेडिकल” और “सिटी” के संयोजन से बना है, जिसका अर्थ है चिकित्सा सेवाओं का एक ऐसा शहर जहां स्वास्थ्य देखभाल के सभी पहलू एकीकृत रूप से उपलब्ध हों। मेडिसिटी का उद्देश्य मरीजों को एक ही स्थान पर सम्पूर्ण और व्यापक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना है। यह अवधारणा चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ, मेडिकल रिसर्च, शिक्षा और अत्याधुनिक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी को भी प्रोत्साहित करती है।