आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित, पार्टी विरोधी बयानबाजी पड़ी भारी

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर को लेकर भाजपा का समर्थन किया था और वे 22 जनवरी को अर्धनिर्मित मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे।

Updated: Feb 11, 2024, 12:21 AM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानबाजी को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम को 6 साल निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार देर रात प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अनुशासनहीनता की शिकायतों और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयानबाज़ी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर को लेकर भाजपा का समर्थन किया था और वे 22 जनवरी को अर्धनिर्मित राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। इसके अलावा उन्होंने 19 फरवरी को संभल में कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी, राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी समेत तमाम भाजपा नेताओं को आमंत्रित किया था।

आचार्य प्रमोद कृष्णम की गिनती यूपी में कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती थी। वह दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2014 में संभल और 2019 में लखनऊ से उन्होंने राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था। राजनीति से ज्यादा इनकी कल्कि पीठ की चर्चा होती है, जो इन्होंने अपने गांव में बनाई है।

प्रमोद कृष्णम अलग-अलग समय पर पार्टी लाइन से हटकर भी बयान देते रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आचार्य प्रमोद कृष्णम इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। वह लखनऊ के अलावा संभल से भी चुनाव लड़ने की कोशिश में थे, लेकिन मौजूदा इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी ने संभल और लखनऊ की लोकसभा सीट पर अपना एक-एक प्रत्याशी उतार चुकी है। इस वजह से भी वह पार्टी से नाराज थे। दावा है कि प्रमोद कृष्णम आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ सकते हैं और बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव में किसी सीट से प्रत्याशी बना सकती है।