LAC पर फिर सक्रिय हुआ चीन, पूर्वी लद्दाख के बफरजोन में गाड़े चार टेंट: रिपोर्ट

चुशूल के पार्षद कोनचोक स्टैनज़िन के अनुसार, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने दो दिन पहले पूर्वी लद्दाख के चुशुल में बफरज़ोन में चार टेंट लगाए हैं।

Updated: Jul 13, 2023, 10:27 AM IST

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले तीन साल से भी अधिक समय से चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच खबर आई है कि चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के बफरज़ोन में चार तंबू गाड़ दिए हैं। चुशूल के पार्षद कोनचोक स्टैनज़िन के अनुसार, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने दो दिन पहले पूर्वी लद्दाख के चुशुल में बफरज़ोन में चार टेंट लगाए हैं।

यह मामला पूर्वी लद्दाख में गुरुंग हिल्स के टेबल टॉप इलाके की है। स्टैनज़िन ने अंग्रेजी अखबार द हिंदू से कहा कि उन्हें ग्रामीणों से जानकारी मिली है कि भारतीय सेना द्वारा PLA की उपस्थिति पर आपत्ति जताने के बाद तीन तंबू हटा दिए गए थे, जबकि चौथा तंबू हटाने की प्रक्रिया में था। इस बारे में भारतीय सेना ने द हिंदू की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।

स्टैनज़िन ने कहा, “पीएलए ने दो दिन पहले चुशुल में टेबल टॉप पर्वत के ठीक नीचे चार टेंट लगाए थे। यह क्षेत्र बफर जोन के अंतर्गत आता है। फिर वे तंबू कैसे खड़े हो गये? यह पूरी तरह से डिसएंगेजमेंट समझौते का उल्लंघन है। क्या यह चिंता का विषय नहीं है?”
उन्होंने कहा कि तंबू पर सेना और ग्रामीणों की नजर पड़ी जिसके बाद पीएलए के साथ एक बैठक बुलाई गई।

बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में विवाद की शुरुआत अप्रैल-मई 2020 में हुई थी। इसके बाद गलवान में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन को भी इस झड़प में भारी नुकसान पहुंचा था। इस हिंसक झड़प के बाद से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों ने जवानों की तैनाती में इजाफा किया है।

हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पूर्वी लद्दाख के 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स ऐसे हैं, जहां भारतीय सैनिकों की मौजूदगी नहीं है। 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स ऐसे हैं, जहां पहले भारतीय सुरक्षा बल रेगुलर पेट्रोलिंग करते थे। ये काराकोरम दर्रे से चुमुर तक फैले हैं। लेकिन यहां अब हमारी सेना गश्त नहीं कर पा रही। ऐसे में चीन बाद में इस बात के लिए दबाव डालेगा कि इन पॉइंट्स पर भारतीय सेना की मौजूदगी लंबे वक्त से नहीं है और यहां चीनी सैनिक मौजूद हैं। इस तरह यह इलाका बफर जोन बन जाएंगे और आखिर में इन पर हमारा नियंत्रण खत्म हो जाएगा। इस तरह चीन इंच दर इंच हमारी जमीन पर कब्जा करता चला जाएगा।